मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव का कहना है कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी में वुजुखाना को पूरी तरह से सील करने का निर्देश दिया था; कल जो मिला है वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है। यादव कहते हैं कि हिंदू पक्ष के वकीलों और याचिकाकर्ताओं का मीडिया से बात करना और शिवलिंग की खोज के बारे में अफवाहें फैलाना कानून के खिलाफ है। कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए।वुजुखाना क्षेत्र का सौदा भी अवैध है क्योंकि हिंदू पक्ष के वकीलों के पास सिविल जज कोर्ट से सीलिंग के आदेश प्राप्त करने के लिए कोई सबूत नहीं था। साथ ही उक्त आवेदन की कोई प्रति मुस्लिम पक्ष के साथ साझा नहीं की गई जैसा कि अनिवार्य है।
शिवलिंग नामक पत्थर की संरचना एक पत्थर की टोंटी/फव्वारा है जो पहली मंजिल पर है। शिवलिंग को केवल मंदिर में जमीन पर स्थापित किया जा सकता है, पहली मंजिल पर नहीं।इसके अलावा खोजे गए 'फव्वारा' पत्थर का आकार शिवलिंग जैसा नहीं है। इसके अंदर एक चैनल होता है जिससे होकर पानी गुजरता था। मुस्लिम पक्ष को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा और वाराणसी सिविल कोर्ट में कार्यवाही को रोक देगा क्योंकि वे कानून के खिलाफ हैं।
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