नई दिल्ली : हाथरस गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। अंतिम संस्कार को लेकर परिजन और प्रशासन के बयान भी अलग-अलग हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें उनकी बेटी का शव देखने नहीं दिया गया और दबाव डालकर अंतिम संस्कार किया गया जबकि प्रशासन का कहना है कि परिजनों की सहमति के बाद शव का अंतिम संस्कार हुआ। इस बीच, पीड़ित लड़की के कुछ सगे-संबंधी परिजनों को यह समझाते हुए पाए गए कि रीति-रिवाज समय के साथ बदलता रहता है। रात में अंतिम संस्कार करने में कोई बुराई नहीं है।
पीड़िता के भाई ने कहा-'पुलिस ने हमें बॉडी नहीं देखनी दी। शव के साथ क्या किया हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। पुलिस वाले हमें यहां से जबर्दस्ती ले जा रहे थे। हम बुधवार की सुबह अपने रीति-रिवाजों से शव का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। पुलिस के अधिकारियों ने अंतिम संस्कार करने के लिए हम पर दबाव डाला। वहीं, पुलिस का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए लड़की के पिता ने अपनी सहमति दी थी और सभी रीति-रिवाजों के साथ लड़की का अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि गत 14 सितंबर को हाथरस में 19 साल की लड़की के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया। इसके बाद कथित रूप से लड़की की जीभ काट दी। पीड़ित लड़की के गर्दन की हड्डियां भी टूटी पाई गईं।
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