मानसूनी सीजन में पहाड़ी राज्यों में आमतौर पर बादल फटने की खबरें आती है। लेकिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बादल फटे। इसका अर्थ यह है कि कम समय में ज्यादा बारिश हुई। अब जबकि बादल फट जाते हैं को उसका असर फ्लैश फ्लड के तौर पर नजर आता है जिसकी वजह से नुकसान होता है। अगर बात हिमाचल प्रदेश की करें तो धर्मशाला, कांगड़ा और कुल्लू फ्लैश फ्लड का सामना कर रहे हैं।
कुल्लू में तीन दिन के लिए येलो अलर्ट
कुल्लू के अपर उपायुक्त प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रशासन ने ने अगले 3 दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। कुल्लू जिले में कम से कम 25 सड़कें बंद हैं। आठ ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली आपूर्ति बाधित है। विभागों को नुकसान पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिले के अधिकारियों का कहना है कि हालात पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
कांगड़ा में राहत कार्य
कांगड़ा जिले के बोह घाटी में राहत और बचाव कार्ट को चलाया जा रहा है। सोमवार को बादल फटने के बाद बाढ़ की वजह से यहां जबरदस्त नुकसान हुआ था। बोह घाटी में भूस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि नौ अन्य के अब भी मलबे में दबे होने की आंशका है। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने सोमवार को चार लोगों को बचाया था और अन्य को मलबे से बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं।
प्रभावित लोगों को पहुंचाई जा रही है मदद
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल क्लाउट बर्स्ट जैसी स्थिति नहीं है। लेकिन पहाड़ी इलाकों में आसमानी बदलाव में देरी नहीं लगती है। लिहाजा निचले इलाकों में रहने वालों को ऐहतियात बरतना चाहिए। खासतौर से झरनों या बरसाती नालों के पास नहीं जाना चाहिए। प्रदेश सरकार का कहना है कि फ्लैश फ्लड से जो लोग प्रभावित हुए हैं उन्हें सरकारी सुविधा मुहैया करायी जा रही है।
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