असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने ज्ञानवापी मस्जिद, कांग्रेस, राहुल गांधी, यूनिफॉर्म सिविल, सीएए, एनआरसी, जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी समेत कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात कही। टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा से खास बातचीत की। सबसे विस्फोटक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चुनावों में किए वादों को अमल कर रहे हैं। फिछला एक साल बेहतर रहा है। ज्ञानवापी मामले में उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामला था सुलझ गया। दूसरे लांबित मामले भी सुलझने चाहिए। ज्ञानवापी मंदिर है या नहीं जानना जरूरी है। हर हिंदू को जानने का हक है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद चर्चा होना चाहिए। आपस में मामलों को सुलझाना जरूरी है। देश की जनता ने बीजेपी को बहुमत दिया है। कांग्रेस का नाम सुनकर लोग अब चिढ़ते हैं। कांग्रेस ने तुष्टिकरण की सियासत की।
बीजेपी का कांग्रेसीकरण हो रहा है? उन्होंने कहा कि जो लोग जमीन से जुड़े हैं वे कांग्रेस में नहीं रहेंगे। 2031 तक कांग्रेस में कोई नहीं रहेगा। उसका वजूद खत्म हो जाएगा। राहुल गांधी पर उन्होंने कहा कि वह क्या करेगा क्या नहीं करेगा। कोई नहीं कह सकता है। वह रिसर्च का विषय हैं। राहुल गांधी पर आप यह नहीं कह सकते हैं कि वह जो कहेगा वह वही करेगा। कांग्रेस के वन फैमिली वन टिकट पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस चिंतन शिविर से हमारा क्या लेना देना। कांग्रेस में परिवारवाद है। कांग्रेस में परिवारवाद खत्म नहीं हो सकता है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर उन्होंने कहा कि हिंदू में पिता की संपत्ति पर बेटी का अधिकार होता है लेकिन मुस्लिम बेटी को ये अधिकार नहीं है। मुसलमानों में कई शादी करता है। देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए। मुस्लिम बेटियों के उत्थन के लिए यूसीसी जरूरी है। यह जल्द आना चाहिए। इससे देश में सामाजिक न्याय होगा। एक पुरुष को एक से अधिक महिला से शादी करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। अगर 36 प्रतिशत महिलाओं के पास अधिकार नहीं तो सामाजिक न्याय की बात नहीं कर सकते हैं। सामाजिक न्याय सबके लिए जरूरी है। मुस्लिम समाज में भी जातियां हैं। उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जैसे हिंदू में है।
एनआरसी, सीएए से आप मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि पर रोक नहीं लगा सकते हैं। इसके लिए आपको शिक्षा, हेल्थ पर ध्यान देना होगा। एनआरसी, सीएए न्याय के लिए है। असम में मुस्लिम बेटियों की शिक्षा पर काम किया। दंगे पर उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में सांप्रदायिक हिंसा नहीं होती है। हिजाब का मुद्दा कर्नाटक में कॉलेज तक सीमित था। यह कॉलेज का यूनिफॉर्म का मुद्दा था। इस मुद्दे को बेवजह तुल दिया गया।
जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि उसने भगवान और गोडसे की तुलना की। पीएम मोदी पर ट्वीट की वजह से गिरफ्तारी नहीं हुई। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर गिरफ्तार करना हमेशा से होता रहा है। मैं हमेशा कानून को फोलो करता हूं। जिग्नेश की गिरफ्तारी कानून प्रक्रिया के तहत हुई।
राजद्रोह कानून के राजनीतिक इस्तेमाल पर सरमा ने कहा कि देशद्रोहियों के खिलाफ यूएपीए लगाया। राजनीतिक दुर्यभावना से देशद्रोह का केस नहीं लगाया। कानून का दुरुपयोग नहीं गलत है। असम में राजनीतिक नेताओं के खिलाफ देशद्रोह नहीं लगा। उल्फा के खिलाफ लगा।
बीजेपी मुख्यमंत्रियों के बदलने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के किसी भी कार्यकर्ता को पद से लगाव नहीं होना चाहिए। बिप्लब देब त्रिपुरा काम के लिए अच्छा काम किया।
बीजेपी असली मुद्दे से लोगों को भटका रहे हैं? उन्होंने कहा कि महंगाई से निकालना सरकार का फर्ज है। पीएम ने राज्यों को तेल के दाम कम करने को कहा। महंगाई का मुद्दा परमानेंट नहीं है। धर्म का मुद्दा हमेशा रहा है। औरंगजेब के मजार पर क्यों जाते हो। उससे प्रेरणा लेनी चाहिए क्या? शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेनी चाहिए। सड़कों का नाम बदलना चाहिए। ये सब मद्दे खत्म हो जाएंगे तब नया भारत बन जाएगा। लंबित मुद्दे खत्म होने चाहिए। उसके बाद हिंदू-मुस्लिम मिलकर देश को बनाने में लग जाएंगे।
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