नए रूप में जलियांवाला बाग स्मारक देश को समर्पित, पीएम नरेंद्र मोदी का खास संदेश

नए रूप में जलियांवाला बाग स्मारक देश को समर्पित किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलियांवाला बाग के बाद जो परिवर्तन हुए उसे समझना भी जरूरी है।

jallianwala bagh smarak, jallianwala  bagh massacre, jallianawala bagh kahan sthit hai, jallianwala bagh kahan hai, jallianwala bagh kand, narendra modi
नए रूप में जलियांवाला बाग स्मारक देश को समर्पित, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन 
मुख्य बातें
  • जलियांवाला बाग स्मारक का पीएम नरेंद्र ने किया उद्घाटन
  • जलियांवाला बाग देश के वीर सपूतों की शहादत को याद दिलाता है
  • विभाजन के बाद के असर को पंजाब में महसूस किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया।
इसके साथ ही उन्होंने अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर विकसित कुछ संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन किया। लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्‍तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं निर्मित की गई हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्‍न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्‍व को दर्शाती हैं। इन घटनाओं को दिखाने के लिए श्रव्य-दृश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रस्तुति की व्यवस्था है जिसमें मैपिंग और थ्री डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला अधिष्ठापन भी शामिल हैं।

पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
जलियांवाला बाग वह स्थान है जिसने सरदार उधम सिंह और भगत सिंह जैसे असंख्य क्रांतिकारियों को राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का साहस दिया। जलियांवाला बाग स्मारक को आने वाली पीढ़ियों के लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध के लोगों के अधिकार के बारे में एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करना चाहिए।

विभाजन के बाद का असर पंजाब में अधिक
विभाजन के दौरान और बाद में जो कुछ भी हुआ वह देश के कोने-कोने में और खासकर पंजाब में देखा जा सकता है। उस समय भारत के लोगों के दर्द और पीड़ा को याद करने के लिए हमने 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस के रूप में चिह्नित किया है:

मैं प्रधान मंत्री से अनुरोध करता हूं, कृपया भारत सरकार के कार्यालयों का उपयोग करके इस नरसंहार के अन्याय का बदला लेने वाले शहीद उधम सिंह की पिस्तौल और व्यक्तिगत डायरी जैसे व्यक्तिगत प्रभाव को ब्रिटेन से भारत वापस लाने के लिए उपयोग करें। मैं इस संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर को पहले ही लिख चुका हूं।

जलियांवाला बाग स्मारक में क्या है खास
पीएमओ के अनुसार जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्‍न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्‍यवस्‍था की गई है।उसने जानकारी दी कि इस परिसर में विकास से जुड़ी कई पहल की गई हैं। पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं। शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है और नवविकसित उत्तम संरचना के साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है।

पीएमओ के अनुसार इस बाग का केंद्रीय स्‍थल माने जाने वाले ‘‘ज्वाला स्मारक’’ की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है और वहां स्थित तालाब को एक ‘‘लिली तालाब’’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है तथा लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है।पीएमओ के अनुसार इस परिसर में अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्‍त नव विकसित मार्ग, महत्‍वपूर्ण स्थानों को रोशन करना, देशी वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य एवं चट्टानों युक्‍त निर्माण कार्य, इत्‍यादि पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं।

इसके अलावा मोक्ष स्‍थल, अमर ज्योति और ध्‍वज मस्तूल को समाहित करने के लिए अनेक नए क्षेत्रों का विकास किया गया है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, कई केंद्रीय मंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित हरियाणा, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर