जम्मू कश्मीर में 2 अक्टूबर से अब तक 11 नागरिकों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है। लेकिन अब और नहीं। अब ये बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए आतंकवादियों को कड़ा जवाब देने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ना सिर्फ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों को सेना चुन चुन कर मार रही है बल्कि आतंकवादियों के हाथों में बंदूक देने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। ये वो लोग हैं, जिन्हें White Collar Terrorist कहा जाता है। कश्मीर में ऐसे लोगों को सेना के टॉप कमांडर इसी नाम से पुकारते हैं।
White Collar Terrorist पर सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। आज कश्मीर में कई जगहों पर NIA ने छापेमारी की। NIA ने चार जिलों में कई जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी उन आतंकवादियों को घरों पर हुई जो सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, अल बद्र NIA के निशाने पर रहे। गृह मंत्रालय के आदेश पर Over Ground Workers को आगरा जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। संदेश साफ है। बस अब और नहीं।
कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा बलों ने ड्रोन के जरिए निगरानी का फैसला लिया है। साथ ही अवाम को भी आतंकियों से लोहा लेने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। चूंकि सेना या पुलिस हर नागरिक के साथ नहीं हो सकती, इसलिए सेना ने कश्मीर के आम नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। सेना ने महिलाओं को भी सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है, जिसके तहत महिलाओं को भी आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है।
दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए विलेज डिफेंस कम्युनिटी के लोग अब तैयार हैं। देश की रक्षा के लिए वो जान देने के लिए भी तैयार हैं। भारतीय सेना सीमांत ग्रामीणों VDC (Village Defence Committee) से जुड़े लोगों को स्पेशल ट्रेनिंग दे रही है। यह ट्रेनिंग हथियार चलाने, पाकिस्तान द्वारा दागे गए गोलों से बचने और अपने गांव तथा गांव वालों को मुश्किलों से बचाने के लिए लोगों को दी जा रही है। देखिये धाकड़EXCLUSIVE।
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