Jammu Kashmir: रोशनी एक्ट में बांटी गई लाखों कनाल भूमि का आवंटन रद्द, अब्दुल्ला की NC ने भी उठाया फायदा

देश
किशोर जोशी
Updated Nov 01, 2020 | 08:54 IST

Roshni Act: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रोशनी एक्ट के तहत हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने का फैसला किया है। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था।

J&K government declares Roshni Act null and void to retrieve land within six months
J&K: रोशनी एक्ट में बांटी गई लाखों कनाल भूमि का आवंटन रद्द 
मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रोशनी एक्ट के तहत हुए आवंटन को रद्द करने का किया फैसला
  • जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कथित घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी थी
  • इस योजना के तहत कई नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स ने उठाया जमीन लेने का फायदा

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने रोशनी भूमि योजना के तहत की गई सभी कार्रवाई को रद्द करने और छह महीने में सारी जमीन पुन: प्राप्त करने का निर्णय लिया है। प्रशासन ने यह कदम रोशनी भूमि योजना में कथित घोटाले की जांच जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को सौंपे जाने के तीन सप्ताह बाद उठाया है। प्रशासन ने इस योजना का लाभ लेने वाले सभी लाभार्थियों का नाम भी सार्वजनिक करने को कहा है। सरकार के इस फैसले से लाखों कनाल भूमि का आवंटन रद्द हो गया है। इस योजना के तहत 20 लाख कनाल से अधिक भूमि में से 15.85 फीसद जमीनी पर मालिकाना अधिकार दिए गए थे। राजस्व बढ़ाने के मकसद से लाई गई इस स्कीम ने पहले ही दम तोड़ दिया।

अब्दुल्ला परिवार ने भी उठाया फायदा
टाइम्स नाउ को मिली जानकारी के मुताबिक, इस योजना का फायदा फारूख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी उठाया। नेशनल कॉन्फ्रेंस का जो मुख्यालय बना है वो भी इस एक्ट के तहत आवंटित जमीन पर ही बना है। बिल्डिंग में शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी बना है जिससे वाणिज्यिक हित जुड़े हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ही नहीं बल्कि कई अन्य ऐसे दल, नेता या ब्यूरोक्रेट्स भी हैं जिन्होंने इस एक्ट के तहत जमीन हथिया ली थी। अब हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया है तो ऐसे में सरकार ने भी कोर्ट का फैसला लागू करने का फैसला किया है। ऐसे में सभी जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। 


सारे नाम होंगे सार्वजनिक
एक महीने के अंदर प्रशासन इस योजना के लाभार्थियों की सारी जानकारी को वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा जिसके बाद कई और बड़े नाम सामने आने की संभावना है।  इसके बाद पता चल सकेगा कि कितने लोगों ने इस स्कीम का फायदा उठाया और किस तरह योजना राजस्व बढ़ाने के अपने मकसद में नाकामयाब रही। जम्मू और कश्मीर के मंडल आयुक्तों को रोशनी एक्ट के अलावा सरकारी जमीन पर जिलावार कब्जे का ब्योरा सौंपने का निर्देश दिया गया है।

हाईकोर्ट ने कही थी ये बात
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की खंडपीठ ने नौ अक्टूबर को योजना में कथित अनियमित्ताओं को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया था और एजेंसी को हर आठ सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश भी दिया था। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उच्च न्यायालय का आदेश लागू करने का निर्णय लिया है जिसमें अदालत ने समय-समय पर संशोधित किए गए जम्मू एवं कश्मीर राज्य भूमि (कब्जाधारी के लिए स्वामित्व का अधिकार) कानून, 2001 को असंवैधानिक, कानून के विपरीत और अस्थिर करार दिया था।'
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर