TMC Vs BJP: मुकदमा दर्ज होने पर बीजेपी नेता भड़के, पूछा- क्या ममता बनर्जी राज में कानून के दो सेट हैं

देश
ललित राय
Updated Oct 09, 2020 | 21:31 IST

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी काफी वक्त है। लेकिन सियासी सरगर्मी बनी रहे इसके लिये टीएमसी हो या बीजेपी या वामदल सभी कोशिश कर रहे हैं।

TMC Vs BJP: मुकदमा दर्ज होने पर बीजेपी नेता भड़के, पूछा- क्या ममता बनर्जी राज में कानून के दो सेट हैं
कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी हैं। 
मुख्य बातें
  • गुरुवार को नबन्ना चलो आंदोलन की वजह से बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज
  • कैलाश विजयवर्गीय बोले- आखिर ममता राज में क्या नियम के दो सेट हैं
  • भीड़ जुटने पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी और टीएमसी नेता छोड़ दिए जाएंगे।

नई दिल्ली। कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में बीजेपी ने गुरुवार को नबन्ना चलो का नारा दिया था। हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया। लेकिन सियासत इस बात पर शुरू हुई कि बंगाल पुलिस ने जिस वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था उसमें केमिकल भरा था। इस संबंध में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संगीन आरोप भी लगाए थे। यह बात अलग है कि पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी ने ही बीजेपी के आरोपों का खंडन कर दिया। अब उस प्रदर्शन मामले में ममता सरकार ने कैलाश विजयवर्गीय समेत बीजेपी के कई नेताओं पर केस दर्ज करा दिया है जिसके बारे में विजयवर्गीय ने निशाना साधा है। 

पश्चिम बंगाल में क्या दो सेट ऑफ रूल हैं
क्या राज्य में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के लिए दो अलग-अलग नियम होना संभव है? यूपी में बलात्कार की घटना घटी, उन्होंने डब्ल्यूबी में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। क्या आप सोशल डिस्टेंसिंग या वहां मास्क पहने लोगों को देख सकते हैं? टीएमसी कार्यकर्ता कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। उनके लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए एक है अगर वे पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्याओं के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते हैं। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। हम कोर्ट, मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग जाएंगे।

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या के संगीन आरोप
नबन्ना चलो के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जिस वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था उसमें पानी था या केमिकल इसे लेकर सस्पेंस अभी भी जारी है। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि वो सिर्फ रंगीन पानी था। लेकिन बीजेपी का कहना है कि  जिस तरह से लोगों को उल्टियां और घबराहट हुई उससे साफ है कि वाटर कैनन में पानी में केमिकल मिला हुआ था। बीजपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या कहते हैं कि वो लोग जब पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने गए तो तीन सांसदों के साथ बदसलूकी की गई। ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी सरकार में पुलिस अधिकारियों को यह नहीं पता है कि संविधान का सम्मान कैसे किया जाता है। 

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