Yasin Malik : दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आतंकवाद के फंडिंग मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मलिक को दो अपराधों - आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (यूएपीए) (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना)- के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई। मलिक को सजा होने पर जम्मू में कश्मीरी पंडितों ने जश्न मनाया। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि करीब 30 साल बाद जाकर उन्हें इसाफ मिला है।
'अलगाववाद का समर्थन करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे'
जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में कहा कि पिछली सरकारों ने अलगाववादियों के सरंक्षण देने के लिए माहौल बनाकर रखा था। अलगाववाद का समर्थन करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। यासीन के समर्थक लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। यासीन ने घाटी में अलगाववाद को बढ़ावा। आतंकियों को फंडिंग की। उसने अपना अपराध कबूला है। देश में एक मजबूत सरकार है। देशद्रोहियों को सजा मिलेगी। कश्मीर की तबाही इन लोगों की देन है। किसी को छोड़ा नहीं जाएगी। पुरानी सरकार ने यदि गल्तियां की है तो उसे सुधारा जाएगा।
जम्मू में जश्न
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