खरगोन में रामनवमी के दिन हिंसा हुई थी। प्रशासन की तरफ से जिन दंगाइयो की पहचान की गई उनके घरों पर बुलडोजल चलाया गया। लेकिन उसके बाद से ही सियासत शुरू हुई। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने एक मस्जिद की फोटो पोस्ट की जिसे खरगोन का बताया गया। लेकिन जांच में वो मस्जिद खरगोन की नहीं निकली। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट को हटाया और डिलीट कर दिया। हालांकि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन सबके बीच खरगोन के एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने खुलासा करते हुए कहा कि हिंसा वाले दिन पेट्रोल बम चलाए जा रहे थे।
एसपी ने किया खुलासा
एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने कहा कि तलवार वाले दंगाई को रोकते समय उनके खिलाफ गोली चलाई। उन्होंने कहा कि अचानक पथराव हुआ, पेट्रोल बम चलाए जा रहे थे। हालात बेकाबू हो गए और पुलिस के सामने सख्ती के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा कि गोली घुटने के नीचे मारी गई थी। जुलूस निकालने के दौरान तलाब चौक पर भीड़ इकट्ठा हुई। जुलूस अपने निर्धारित मार्ग पर था कि एकाएक पथराव शुरू हुआ।
हालांकि हम लोग भीड़ को समझाने में कामयाब रहे। लेकिन शहर के अलग अलग हिस्सों में अफवाह फैलने के बाद हालात खराब हो चुके थे। कुछ जगहों पर घर भी जलाए गए थे। गोली किसने चलाई होगी उसके बारे में एसपी ने बताया कि नाम तो सामने आ ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोपों में दम नहीं है कि किसी एक पक्ष के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। जिन लोगों को शक है या आरोप लगा रहे हैं वो साक्ष्य पेश करें तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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