Logtantra: पॉटहोल्स से मौत का जिम्मेदार कौन? कब तक सड़क पर जाएगी लोगों की जान?

Logtantra: देश में सड़कों पर गड्ढों की वजह से आए दिन कई मौतें होती हैं। सवाल है कि आखिर कब तक इस तरह गड्ढों की वजह से लोगों की जानें जाती रहेंगी? पॉटहोल्स से मौत का जिम्मेदार कौन है?

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लोगतंत्र 

'लोगतंत्र' में बात हुई उस दिक्कत की जो आतंकवाद से भी बड़ी है। ये दिखता हमें, आपको सब को है। लेकिन हम इसे नजरअंदाज कर के आगे बढ़ जाते हैं। इसके पास से होकर निकल जाते हैं। इसे देखती सरकारें भी हैं न जाने क्यों वो भी इसे ऐसे नजरअंदाज करती आई हैं जैसे इंसानी जान की कोई कीमत ही नहीं है, लेकिन इसी लापरवाही ने आज ठाणे के एक 23 साल के नौजवान की जान ले ली। सड़क पर उसकी लाश पड़ रही। पास में टूटी हुई बाइक खड़ी थी। ठाणे के रहने वाले मोहम्मद बडवाले की गलती बस इतनी थी कि वो सड़क पर निकल गया। सड़क पर एक बड़ा सा गड्ढा आया। उसने बाइक रोकने की कोशिश की लेकिन घसीटता हुआ दूसरे गड्ढे में जा गिरा। सिर में चोट लगी और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मुंब्रा के रहने वाले मोहम्मद बडवाले के सिर में गंभीर चोट आई और नजदीकी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

लेकिन सवाल उठता है कि मोहम्मद बडवाले की मौत के लिए जिम्मेदार कौन है? परिवार को क्या बताया जाए कि किसकी वजह से मोहम्मद की मौत हुई है? क्योंकि परिवार सड़क के गड्ढे से तो सवाल नहीं पूछेगा। गड्ढे को कोसकर उनके कलेजे के ठंडक नहीं पहुंचेगी तो अब समझिए ठाणे के एक नौजवान की मौत के लिए जिम्मेदार कौन है?

जिस सड़क पर ये हादसा हुआ है वो ठाणे-घोड़बंदर प्रोजेक्ट के तहत बनी रोड है। साल 2005 में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड और ठाणे घोड़बंदर टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड ने आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड को इसका ठेका दिया था। 20 साल में इस प्रोजेक्ट को खत्म करना था। सड़क बन तो गई लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होने के एक साल बाद ही इस सड़क का हाल बिगड़ गया। ऐसे में 23 साल के मोहम्मद बडवाले की मौत का जिम्मेदार इन्हें न माना जाए तो किसे माना जाए। साथ ही म्युनिसिपल कमिश्नर को भी जिम्मेदार क्यों न माना जाए, क्योंकि उन्हें यही देखने के लिए तो रखा गया कि निगम के तहत जो काम हो रहा है वो सही से हो रहा है या नहीं।

नगर निगम लापरवाही करता रहेगा। ठेकेदार ऐसी सड़क बनाएंगे तो लोगों की जान तो जाएगी ही। साल 2017 में महाराष्ट्र में गड्ढों की वजह से 522 हादसे हुए, इनमें से 353 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं 166 लोगों की जान चली गई।

कहां जा रहा पैसा

ऐसे में सवाल तो उठेंगे ही, सवाल उठे भी क्यों ना। जनता अपनी गाढ़ी कमाई का एक बड़ा पैसा टैक्स के तौर पर भरती है। सरकारें उसे नगर निगम को देती हैं और जनता को क्या मिलता है.. गड्ढा। BMC का बजट को दुनिया के कई देशों से ज्यादा है। 2020-21 के लिए बीएमसी ने 39 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया है। इसमें से 1600 करोड़ रुपए सड़क निर्माण और मेंटेनेंस के लिए रिजर्स रखा गया है। वहीं ठाणे नगर निगम का बजट है 2750 करोड़ रुपए, इसमें से 250 करोड़ रुपए सड़कों को बनाने और उसकी मरम्मत करने के लिए रखा गया है। लेकिन सवाल तो ये है कि ये पैसा जा कहां रहा है क्योंकि सड़कों पर तो सिर्फ गड्ढा ही गड्ढा है।

5 साल 15000 के करीब मौतें

दिसंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में 2013 से 2017 के दौरान गड्ढों की वजह से हुई सड़क दुर्घटनाओं में 14,926 लोगों की मौत हुई। पीठ ने कहा कि पांच साल में लगभग 15,000 लोग मारे गए। यह सीमा पर या आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों से ज्यादा है। राज्‍यसभा में सड़क और परिवहन मंत्रालय ने सवालों के जवाब देते हुए अलग-अलग वजह और हादसों के आंकड़े बताएं हैं। साल 2017 में पॉटहोल्स की वजह से 9423 हादसे हुए। 3579 लोगों की इन हादसों में मौत हो गई। वहीं 25 हजार लोग घायल हुए। साल 2018 में 4869 हादसे सड़क के गड्ढों की वजह से हुए। इन हादसों में 2000 लोगों की मौत हो गई वहीं 4100 लोग घायल हुए। साल 2019 में 4775 हादसे हुए। 2140 लोग इन हादसों में मारे गए वहीं 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए।
 

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