Maharashtra Political Crisis Latest Update: महाराष्ट्र में सियासत का आज सुपर सैटरडे है। जिस पर हर किसी की नजर है। महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक को लेकर आज सुबह 11 बजे पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और रामदास अठावले के बीच बैठक होगी। वहीं शिंदे गुट से निपटने और बागियों के खिलाफ एक्शन पर मथंन के लिए शिवसेना ने भी आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। ये बैठक दोपहर 1 बजे सेना भवन में होगी। वहीं आदित्य ठाकरे भी आज अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को आज शाम साढ़े 6 बजे संबोधित करेंगे।
महाराष्ट्र में मचे सियासी संग्राम से उद्धव ठाकरे बेहद टेंशन में है। शायद उद्धव को पार्टी में बगावत का ऐसा एहसास नहीं था लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जब उद्धव ने संबोधित किया तो ये जाहिर किया कि उन्हे इसका अंदाज पहले से था। इस दौरान उद्धव ने कई बड़े-बड़े बयान दिए।
उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस और एनसीपी आज हमारा समर्थन कर रहे हैं, शरद पवार और सोनिया गांधी ने हमारा समर्थन किया है। लेकिन हमारे ही लोगों ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है। हमने ऐसे लोगों को टिकट दिया जो जीत नहीं सकते थे और हमने उन्हें विजयी बनाया। उन लोगों ने आज हमारी पीठ में छुरा घोंपा है। कुछ दिन पहले जब मुझे इस पर शक हुआ तो मैंने एकनाथ शिंदे से कहा कि मैंने आपको जिम्मेदारी दी है कि शिवसेना के विधायक, नेताओं का काम जरूर हो। आप जो कर रहे हैं वो सही नहीं है। उन्होंने मुझसे कहा कि एनसीपी-कांग्रेस हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है और विधायक चाहते हैं कि हम बीजेपी के साथ जाएं. मैंने उनसे कहा कि जो विधायक मेरे पास लाना चाहते हैं, वे मेरे पास लाएं।'
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ढाई साल पहले जब उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से अपने सालों के संबंध को तोड़कर बागी तेवर दिखाए तो शायद उन्हे इस बात का अंदाजा नहीं था कि शिवसेना के सभी विधायक इससे खुश नहीं हैं लेकिन आज जब पार्टी टूट के कगार पर पहुंच गई तो उद्धव ठाकरे ने ये बयान जरूर दिया कि उन्हे पार्टी में होने वाला भीतरघात का अहसास पहले से ही था। अब तक शिवसेना और बीजेपी ने नजदीकियों और दूरियों का कई दौर देखा है फिर हिन्दुत्व के एजेंडे पर शिवसेना और बीजेपी के मिलन ने ये साबित भी किया उनकी ताकत को कोई तोड़ नहीं सकता। लेकिन सत्ता के लिए कल तक उल्टे विचारधारा वाले कांग्रेस और एनसीपी का विरोध करने वाला शिवसेना ने उनसे हाथ मिला लिया लेकिन आज उद्धव के लिए बीजेपी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है।
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