कोलकाता। Breach of constitution: 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। राज्यपाल जगदीप धनकड़ और सीएम ममता बनर्जी ने मंच साझा किया लेकिन दोनों की नजरें नहीं मिली। राज्यपाल अनेकों मौके पर कहते रहे हैं कि ममता बनर्जी राज्यपाल पद की गरिमा भूल चुकी हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीति तेज हो गई और ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा।
ममता ने कहा कि उनके राज्य में संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। उन्हें लगता है कि जिस तरह से संवैधानिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाना चाहिए वो नहीं हो रहा है। ममता बनर्जी ने यहां तक कहा था कि जिस तरह का व्यवहार राज्यपाल कर रहे हैं वैसा तो पीएम नरेंद्र मोदी भी नहीं करते हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वो कहती हैं कि हर संवैधानिक पदों का सम्मान होना चाहिए। लेकिन गरिमामयी व्यवहार की उम्मीद हर एक से की जानी चाहिए।
ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनकड़ पर निशाना क्या साधा कि बीजेपी भी मैदान में कूद पड़ी। बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब राज्य की सीएम ने संवैधानिक पद पर आसीन शख्स की तौहीन करती हुई नजर आई हों। जब केसरीनाथ त्रिपाठी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हुआ करते थे तो उस समय भी उनका व्यवहार सभ्य नहीं था कई मौकों पर वो उस तरह से पेश आईं जिससे साफ साउ पता चलता था कि उन्होंने राज्यपाल का अपमान किया था।
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