दक्षिण राज्यों को एक दूसरे से कनेक्ट करने से लेकर होटल इंडस्ट्री को मजबूत करने और इंडस्ट्री पॉलिसी को कैसे बेहतर किया जाए तमाम राज्यों के पर्यटन मंत्रियों से इस सम्मेलन में पर्यटन मंत्रालय ने सीधा संवाद किया और इस सम्मेलन से राज्यों की पर्यटन को लेकर समस्याएं और उनकी अपने राज्यों के लिए केंद्र से कई मांगों को प्रमुखता से रखा गया। इसमें रेल कॉनेटिविटी, हवाई कॉनेटिविटी, धार्मिक टूरिज्म को कैसे बढ़ावा दिया जाए, कैसे बुद्ध सर्किट को साउथ से जोड़ा जाए और नई नेशनल टूरिज्म में दक्षिण राज्यों की मांगों को कैसे रखा जाए इस बार हर स्टेकहोल्डर से राय भी मांगी गई।
दक्षिण राज्यों के पर्यटन मंत्री चाहते हैं इंडस्ट्री पॉलिसी सरकार बदले दक्षिण राज्यों में टूरिज्म को बढ़ावा मिले इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी मंत्री ने कहा कि इसके लिए नेशनल टूरिज्म पॉलिसी को अभी हमने ड्राफ्ट किया हैं और उस ड्राफ्ट को अभी हमने वेबसाइट पर लगाए हैं और वो स्टेट गवर्न्मेंट को जाएगा, स्टेकहोल्डर को जाएगा, फिक्की को, रेटायअर्ड ऑफिसर सबको भेजा हैं, मंत्रियो के इस सवाल को भी हम उस ड्राफ्ट में डालकर सबसे पूछ सकते हैं फिर जो सबकी राय होगी उसपर काम करेंगे।
जब पूरी तरह से करोना खत्म होगा तब जाकर प्लान होगा, हम प्लानिंग अभी कर रहे हैं अभी इसको लागू नहीं कर रहे हैं की अभी से विदेशी लोग आना शुरू हो जाए। लागू करने से पहले 6 महीना प्लानिंग लगती हैं अभी वो तैयारी हो रही हैं, अभी तो सब जगह आवाजाही बंद हैं अभी बाहर से लोगों को नहीं बुलाएंगे।
ये हमने महसूस किया हैं इसीलिए इस सम्मेलन को रखा हैं, सिर्फ अधिकारी और मंत्री नहीं बल्कि होटल एसोसीएशन से जुड़े लोग, टूर ऑपरेटर्स सबको हमने बुलाया हैं जिससे की सब अपनी बात रखे और दक्षिण में जो महसूस किया जाता हैं की वो नजरंदाज हैं इस कमी को दूर किया जाए।
कॉनेटिविटी हमारी हवाई जहाज से, रेल से, रोड से सबसे हैं, अब नई-नई उड़ानों के लिए नए-नए एयरपोर्ट खोले जा रहे हैं और जहां और जरुरत होगी नई चीजें खोलेंगे लेकिन ये सब धीरे-धीरे होता हैं एक दिन में सम्भव नहीं हैं।
ये पहली बार हो रहा हैं की इस सम्मेलन के माध्यम से हम अपने देश को जान रहे हैं , एक महीने पहले हमने नॉर्थ ईस्ट के राज्यों का सम्मेलन किया उनको जाना और आज दक्षिण भारत के जितने राज्य हैं और वहाँ के पर्यटन से जजुड़े लोग हैं , यहां के मंत्री हैं सबसे मिल रहे हैं।
हमारी मुहिम देखो और जानो अपना देश इसके तहत हम अपने देश को और पास से जान रहे हैं , देश का कल्चर एक हैं लेकिन बोली भाषा अलग हो सकती हैं लेकिन भाव एक ही हैं, हमारी धरोहरों और धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी जरूरी हैं । हम आर्थिक मदद भी कर रहे हैं स्वदेश दर्शन योजना और प्रसार योजना के तहत राज्यों को आर्थिक रूप से इस छेत्र में काम करने के लिए केंद्र द्वारा मदद की जा रही हैं।
साउथ में सब चीज हैं लेकिन कभी कभी इतना प्रचार प्रसार नहीं हो पाता , और आज देखिए कैसे तेलंगाना , पुडुचेरी , आंध्रा, कर्नाटक इन सभी राज्यों के बारे में नई नई चीजें पता चल रही हैं और यही इस सम्मेलन का उद्देश्य हैं। जहां तक नई टूरिज्म पॉलिसी का सवाल हैं वो अभी जल्द ही आ जाएगी तमाम स्टेकहोल्डर्स से बातचीत हो रही हैं और जल्द ही उसे अमल में लाया जाएगा, लेकिन आज जो हम मिले हैं ये भी एक पॉलिसी का ही हिस्सा हैं।
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