नई दिल्ली : कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी का कैबिनेट से इस्तीफा तय माना जा रहा है। नकवी और सिंह का बतौर राज्यसभा कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है। ऐसे में समझा जा रहा है कि दोनों नेता आज या कल अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। दरअसल, कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों मंत्रियों की तारीफ की। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेक की बैठक में पीएम ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। यही नहीं, पीएम ने अपने एक ट्वीट में आरसीपी सिंह को उनके जन्मदिन की बधाई दी है।पीएम का यह बयान नकवी और सिंह के राज्यसभा सांसद के रूप में विदाई के तौर पर देखा जा रहा है।
राज्यसभा चुनाव में मौका नहीं मिला
दरअसल, हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान इन दोनों नेताओं को राज्यसभा जाने के लिए दोबारा मौका नहीं दिया गया। आज की कैबिनेट की बैठक से ये संकेत दिया गया कि दोनों नेताओं की मंत्री के रूप में यह अंतिम बैठक है। पीएम का बयान विदाई की तरह ही है। सिंह जद-यू कोटे से बिहार से आते हैं जबकि नकवी भाजपा के कोटे से झारखंड से राज्यसभा सांसद हैं। नकवी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। हालांकि, दोनों नेताओं के इस्तीफे को लेकर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। दोनों सदनों का नेता रहे बगैर कोई भी मंत्री पद पर छह महीने तक रह सकता है।
नकवी की भूमिका क्या होगी, इस पर असमंजस
नकवी के लिए सरकार में आगे कौन सी भूमिका मिलेगी, इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। शुरू में ऐसा चर्चा था कि रामपुर सीट पर उपचुनाव के लिए उन्हें वहां से उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन यहां से उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया। सियासी गलियारे में चर्चा यह भी है कि नकवी को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार अथवा किसी केंद्रशासित प्रदेश का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाया जा सकता है। वहीं, सिंह भाजपा के साथ अपनी करीबी के लिए जद (यू) में चर्चा का विषय रहे हैं। अटकलें इस बात की भी हैं कि राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सिंह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
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