बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari ) की चर्चा खासी हो रही है उसके कारनामों की फेहरिस्त ही इतनी है कि चर्चा लाजिमी है, गौर हो कि उसे पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया है। आपने गौर किया होगा कि पंजाब से उसकी हाल ही में जो तस्वीरें सामने आती थीं उसमें वो व्हील चेयर (Wheel Chair) पर बैठा दिखता था लेकिन यूपी की आबो हवा में पहुंचते ही उसकी इस तकलीफ के साथ ही और बीमारियां भी छूमंतर सी हो गईं।
पंजाब की रोपड़ जेल व्हील चेयर पर बैठकर जाने वाला मुख्तार अंसारी जैसे ही बांदा जेल पंहुचा वो बैरक के अंदर खुद चल कर गया इसे देखकर जेल प्रशासन के लोग हैरान रह गए और उसकी तबियत खराब होने के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।
बांदा जेल में पहुंचते ही जेलर ने मुख्तार को व्हीलचेयर पर बैठने का ऑफर दिया तो बताया जा रहा है कि मुख़्तार ने व्हीलचेयर की तरफ देखा भी नहीं और अपने साथ लाए हुए सामान को उठाकर सीधे अपने पैरों पर अंदर चला गया।
वहीं बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार की मेडिकल जांच में भी वह काफी हद तक फिट पाया गया है जिन बीमारियों की शिकायत वो पंजाब की जेल में करता था वो यहां आकर सही हो गईं लगता है, यूपी पुलिस की मेडिकल जांच से ये बात निकलकर आ रही है।
पिछले साल पंजाब मेडिकल बोर्ड के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई मेडिकल रिपोर्ट में मुख्तार को कई गंभीर बीमारियां होने की बात कही गई थी। उस रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार अंसारी को स्लिप डिस्क, डायबिटीज और डिप्रेशन सहित कई गंभीर बीमारियां हैं इसलिए उसे तीन महीने के बेड रेस्ट पर रखा जाना आवश्यक है ऐसा कहा गया था।
वहीं बीजेपी यूपी के प्रदेश मंत्री डॉ चंद्रमोहन ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा- #योगीजी के राज में चमत्कार होते रहते हैं, अब देखिए ना, पंजाब में जो #मुख्तार_अंसारी व्हील चेयर पर घूम रहा था, उत्तर प्रदेश आते ही अपने पैरों पर चलने लगा।
मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में सुरक्षा व्यवस्था बेहद पुख्ता की जा रही है और उसपर ड्रोन से 24 घंटे निगाह रखी जाएगी ऐसी व्यवस्था सरकार ने की है।
उत्तर प्रदेश आने के बाद बहुजन समाज पार्टी विधायक एवं गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की दिक्कतें बढ़ने वाली हैं, मीडिया रिपोर्टों की मानें तो योगी सरकार मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता को खत्म करने की कार्रवाई भी जल्द शुरू कर सकती है सरकार मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर कानूनी राय लेगी।गौरतलब है कि कई दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही में शामिल न होने पर भी सदस्यता रद्द करने का नियम है अगर विधानसभा का कोई भी सदस्य सदन की कार्यवाही में 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है तो कानून उसकी सदस्यता को अनुच्छेद 190 के तहत खत्म किया जा सकता है।
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