लखनऊ : यूपी में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने की तैयारी में जुटी AIMIM मुस्लिम वोटर्स को लक्ष्य कर अपनी राजनीति आगे बढ़ा रही है। इस बीच यूपी की राजनीति में 'अब्बा जान' और 'भाईजान' जैसे शब्दों का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। टाइम्स नाउ नवभारत के 'नवभारत नवनिर्माण मंच' में भी यह मसला उठा, जब बीजेपी की ओर से गौरव भाटिया और AIMIM की ओर से वारिस पठान अपनी-अपनी पार्टियों का पक्ष रखने पहुंचे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच जमकर 'राजनीतिक नूराकुश्ती' हुई।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि यूपी में पहले करीब 30 लाख फर्जी नामों पर राशन दिया जा रहा था। लेकिन बीजेपी सरकार ने योजनाओं का लाभ देने में किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं किया। उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी 'सबका साथ, सबका विकास' के सूत्र पर आगे बढ़ रही है, लेकिन AIMIM धर्म विशेष को लक्ष्य कर अपने सियासी हितों को साधने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर मुसलमानों के ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। बीजेपी नेता ने ओवैसी के उस बयान पर कहा , जिसमें AIMIM चीफ ने पिछले दिनों कहा था कि 19 प्रतिशत मुसलमान मिलकर क्या 19 विधायक भी नहीं जिता सकते? बीजेपी ने इसे भड़काऊ भाषण करार देते हुए कहा कि धर्म के आधार पर इस तरह वोट मांगना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।
वहीं, AIMIM की ओर से वारिस पठान ने न केवल ओवैसी के भाषण का बचाव किया, बल्कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, कोविड-19, राज्य में डेंगू-वायरल फीवर के कारण लोगों की मौत जैसे कई मसलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ हमला बोला और आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार से कई सवाल किए। AIMIM नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव में प्रबल दावेदार के तौर पर सामने आएगी। देखिये पूरी बातचीत।
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