न्यूज की पाठशाला 
'न्यूज की पाठशाला' में खुला कांग्रेस Vs कांग्रेस में बीजेपी के फायदे वाला चैप्टर। क्या अमित शाह से मिलकर कैप्टन कांग्रेस मुक्त हो गए? अमरिंदर सिंह कांग्रेस को कितना चुनावी डैमेज करेंगे? गांधी परिवार से साइडलाइन नेता नई कांग्रेस बनाएंगे? बात हुई दिल्ली में अमित शाह-अमरिंदर सिंह की मुलाकात के चैप्टर पर। इसमें बीजेपी के कैप्टन से कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात पर जरूरी नोट्स बताए गए। दिल्ली में कैप्टन बंगला खाली करने गए हैं या नया बंगला लेने? पंजाब की पॉलिटिक्स में और कितने ट्वीस्ट बाकी हैं? कांग्रेस में G-23 की कोई क्यों नहीं सुन रहा?
गांधी परिवार से साइडलाइन हुए नेता
- कैप्टन अमरिंदर सिंह
- हेमंत बिस्व सरमा, असम के सीएम बने
- ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्र में मंत्री बने
- जितिन प्रसाद, यूपी सरकार में मंत्री बने
- अभिजीत मुखर्जी, टीएमसी में शामिल हुए
- सुष्मिता देव, टीएमसी में शामिल हो गईं
अमरिंदर सिंह पंजाब में कितने पावरफुल हैं?
- पिछले चार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 2 चुनाव अमरिंदर सिंह ने जिताए
- 2014 की मोदी लहर में भी उन्होंने अमृतसर से अरुण जेटली को हरा दिया था
- 2017 में अमरिंदर सिंह ने ही पंजाब में कांग्रेस को 10 साल बाद सत्ता दिलाई थी
- 2019 की मोदी लहर में भी कांग्रेस ने पंजाब में 13 में से 8 लोकसभा सीटें जीती थीं
कांग्रेस को कैप्टन कितना डैमेज कर सकते हैं?
2017 का विधानसभा चुनाव
- कांग्रेस-38.5% वोट
- अकाली-30.6% वोट
- AAP- 23.7% वोट
चुनावी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के 4-5% वोट डैमेज कर सकते हैं। ये वोट अकाली, आप या बीजेपी में बंटेंगे।
कैप्टन से बीजेपी को क्या फायदा?
पंजाब में चौतरफा चुनावी लड़ाई है
- कांग्रेस
- अकाली+बीएसपी
- AAP
- बीजेपी
- पंजाब में बीजेपी को 6-7% से ज़्यादा कभी वोट नहीं मिले
- कैप्टन के आने से बीजेपी को बहुत ज्यादा 10% वोट मिल जाएंगे
लेकिन चौतरफा चुनावी लड़ाई में-
- कैप्टन के जरिए बीजेपी किंगमेकर बन सकती है
- कैप्टन की राष्ट्रवादी छवि बीजेपी के एजेंडे से मैच
- कैप्टन की इमेज का इस्तेमाल किसानों को मनाने में हो सकता है
- कैप्टन के रूप में बड़ा सिख लीडर मिलेगा, बाकी राज्यों में भी फायदा
- कैप्टन के आने से वो नैरेटिव सेट होगा कि कांग्रेस में सम्मान नहीं मिलता
कैप्टन को बीजेपी से क्या फायदा?
- उन्हें बदला लेने का मौका मिलेगा
- गांधी परिवार और सिद्धू से बदला
- वो बीजेपी के सीएम कैंडिडेट बन सकते हैं
- केंद्र में उन्हें मंत्री पद भी मिल सकता है
- कैप्टन के पास बीजेपी के अलावा अच्छा विकल्प नहीं
- क्योंकि वो अकाली दल में जा नहीं सकते, वहां सुखबीर बादल सीएम फेस हैं
- कैप्टन खुद कह चुके हैं कि उनका अकाली दल में जाने का कोई सवाल ही नहीं
- आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को वो पहले से कोसते रहे हैं