News Ki Pathshala: कौन होगा तालिबान सरकार का मुखिया और क्यों भारत के लिए है चिंता की बात

पंजशीर को छोड़ दें तो तालिबान के कब्जे में पूरा अफगानिस्तान है, तालिबान सरकार बनाने की तरफ बढ़ भी चुका है लेकिन सवाल वही कि मुखिया कौन। इसके साथ सवाल यह भी क्या तालिबान चीन की भाषा बोलेगा।

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कौन होगा तालिबान सरकार का मुखिया और क्यों भारत के लिए है चिंता की बात 

तालिबान का राज कौन चलाएगा?हिबतुल्ला अखुंदजादा या मुल्ला अब्दुल गनी बरादर हिबतुल्ला अखुंदजादा अब तक सामने नहीं आया हैवो कंधार में है, और मुल्ला बरादर काबुल हैतालिबान कौन से सिस्टम की सरकार बनाएगाये अब तक क्लियर नहीं है, लेकिन अब जो जानकारी आई हैउसमें मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के बारे में कहा जा रहा है कि उसकी अगुवाई में तालिबान की सरकार बनेगी।
 

तालिबान राज कौन चलाएगा?
हिबतुल्ला अखुंदजादा                          मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
तालिबान का प्रमुख                             तालिबान का पॉलिटिकल हेड

मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कौन है
मुल्ला उमर का साला है, मुल्ला उमर और बरादर ने ही कंधार में मदरसा शुरू किया थाजहां तालिबान का जन्म हुआ था2001 के बाद ये पाकिस्तान भागा2010 में अमेरिका ने इसे कराची में ट्रेस किया2010 में अमेरिका के कहने पर अरेस्ट किया गया। 8 साल कराची की जेल में रखा गया था।2018 में अमेरिका के कहने पर छोड़ा गयादोहा में इसी के साथ अमेरिका की बातचीत हुईदोहा डील में साइन करने वाला यही था।
कश्मीर पर तालिबान का यू-टर्न!
''मुस्लिम होने के नाते हमारा अधिकार है कि कश्मीर में, भारत में और दुनिया के किसी दूसरे देश में मुस्लिमों के लिए आवाज़ उठाएं। हम आवाज़ उठाएंगे और कहेंगे कि मुस्लिम तुम्हारे अपने लोग हैं, तुम्हारे अपने नागरिक हैं। उन्हें तुम्हारे कानूनों के मुताबिक बराबरी का अधिकार है- सुहैल शाहीन, प्रवक्ता, तालिबान
तालिबान क्यों पलट गया?
पाकिस्तान का दबाव होगा। पाकिस्तान बहुत बेचैन है। दोहा की बातचीत से बेचैनी होगी। दोहा में भारत और तालिबान से पहली आधिकारिक बातचीत हुई थी। कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल से तालिबान के अब्बास स्टैनकज़ई मिले थे।भारत ने साफ कहा था कि अफगानिस्तान की ज़मीन एंटी इंडिया एक्टिविटी के लिए इस्तेमाल ना होअब्बास स्टैनकज़ई ने भारत को भरोसा दिया थाभारत के साथ स्टैनकज़ई का पुराना नाता है, वो IMA के पासआउट हैंस्टैनकज़ई ने कहा था कि भारत के साथ जैसे रिश्ते चले आ रहे हैं, वैसे ही रिश्ते चलाना चाहते हैंपाकिस्तान को डर है कि उसका खेल बिगड़ ना जाए इससलिए तालिबान को नई स्क्रिप्ट पकड़ा दी है

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