नई दिल्ली : कांग्रेस ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। इतना ही नहीं पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस का दावा है कि पेगासस का उपयोग करके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई।
सरकार पर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी, अपने (सरकार के) मंत्रियों को जासूसी की गई है। हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा , कई मीडिया समूहों की जासूसी कराई गई।क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा? भाजपा अब ‘भारतीय जासूस पार्टी’ बन गई है। मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे? अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?'
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवादददाताओं से कहा, ‘इस मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए।’कांग्रेस ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था।
बीजेपी का पलटवार
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर ऐसे स्तरहीन आरोप लगाए हैं जो राजनीतिक शिष्टाचार से परे हैं। भाजपा कांग्रेस द्वारा लगाए गए पेगासस मामले के सारे आरोपों को खारिज करती है। कांग्रेस ने अब तक पेगासस मामले में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं। पेगासस मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू क्यों होता है? क्या कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से लगे हुए थे कि यह मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू करना है ताकि देश में एक नया माहौल बनाया जाए।'
सूचना मंत्री ने खारिज किए आरोप
वहीं सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।