पेगासस विवाद मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच की मांग करने वाली याचिकाएं अटकलों, अनुमानों और मीडिया की अपुष्ट खबरों पर आधारित हैं। साथ ही न्यायालय को सूचित किया कि सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव कथित पेगासस जासूसी मामले में सरकार का रूख संसद में पहले ही साफ कर चुके हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह बेहद तकनीकी मुद्दा है, हम सभी पहलुओं की जांच के लिए प्रख्यात विशेषज्ञों को नियुक्त करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने चयन समितियों की सिफारिशों के बावजूद ट्रिब्यूनल में नियुक्ति करने के लिए केंद्र को 10 दिनों का समय दिया है।
केंद्र सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाए गए गलत विमर्श को खारिज करने के लिए वह विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी। उच्चतम न्यायालय ने जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, केंद्र ने कहा कि छिपाने को कुछ नहीं है और विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर जासूसी मुद्दे पर समानांतर कार्यवाही और बहस को अपवादस्वरूप लेते हुए कहा था कि अनुशासन कायम रखा जाना चाहिए और याचिकाकर्ताओं को व्यवस्था में थोड़ा भरोसा होना चाहिए।
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