विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर ईशा फाउंडेशन के वासुदेव जग्गी भी मौजूद रहे। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज जब देश अपनी आजादी के 75वे वर्ष का पर्व मना रहा है, इस अमृतकाल में नए संकल्प ले रहा है तो इस तरह के जनअभियान बहुत अहम हो जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा।
नई दिल्ली: ईशा फाउंडेशन की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सद्गुरु और ईशा फाउंडेशन आज बधाई के पात्र हैं, मार्च में इनकी संस्था ने मिट्टी बचाओ आंदोलन की शुरुआत की थी और 27 देशों से होते हुए उनकी यात्रा 75वें दिन यहां पहुंची। पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही है, सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है। स्वच्छ भारत मिशन हो या waste to wealth से जुड़े कार्यक्रम हो, अमृत मिशन के तहत शहरों में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण हो, या सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान या नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता का अभियान, पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही है, सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है।पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।'
प्रधानमंत्री ने मिट्टी बचाने की वकालत करते हुए कहा, 'मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें। और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।' अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है। पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।'
पीएम मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है।'
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