गांधी परिवार के लिए किताबें पड़ रही भारी, अब प्रणब मुखर्जी के संस्मरण से बैकफुट पर कांग्रेस

अपनी किताब में प्रणब मुखर्जी ने पीएम मोदी के बारे में भी लिखा है कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू करने से पहले मोदी ने इस बारे में उनके साथ कोई चर्चा नहीं की थी।

Pranab Mukherjee in his book Writes 'End of Congress's Charismatic Leadership'
अब प्रणब मुखर्जी के संस्मरण से बैकफुट पर कांग्रेस।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • अपने संस्मरण 'द प्रेसिडेंसियल इयर्स 2012-2017' में प्रणब मुखर्जी ने किए खुलासे
  • 2014 में कांग्रेस की हार के लिए पूर्व राष्ट्रपति ने कई कारणों का किया है जिक्र
  • कांग्रेस के दिवगंत नेता ने कहा कि नेहरू के बाद कांग्रेस में करिश्माई नेताओं की कमी

नई दिल्ली : कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए किताबें मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद कांग्रेस के दिवंगत नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कांग्रेस और गांधी परिवार के बारे में जो बातें कहीं हैं उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हमला बोलने का एक और मौका दे दिया है। मुखर्जी ने अपने संस्मरण 'द प्रेसिडेंसियल इयर्स 2012-2017' में कांग्रेस पार्टी की हार से लेकर पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कई खुलासे किए हैं। नेहरू के बारे में उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि पूर्व पीएम यदि तैयार हो गए होते तो नेपाल आज भारत का एक प्रांत होता। मुखर्जी ने लिखा है कि यह मौका अगर इंदिरा गांधी को मिला होता तो वह इसे अपने हाथ से जाने नहीं देतीं। 

'नेहरू की तरह करिश्माई व्यक्तित्व का अभाव'
पूर्व राष्ट्रपति की यह पुस्तक मंगलवार को जारी हुई। मुखर्जी का कहना है कि कांग्रेस में करिश्माई व्यक्तित्व का अभाव है और इस तरह के व्यक्तित्व के अभाव में कांग्रेस आगे 'औसत दर्जे वाली सरकारें' देश को देती रही है। कांग्रेस के पूर्व नेता का कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का एक कारण पार्टी में 'करिश्माई व्यक्तित्व' का न होना भी शामिल है। 

पीएम मोदी ने नोटबंदी की चर्चा मुझसे नहीं की-मुखर्जी
अपनी किताब में मुखर्जी ने पीएम मोदी के बारे में भी लिखा है कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू करने से पहले मोदी ने इस बारे में उनके साथ कोई चर्चा नहीं की थी लेकिन नोटबंदी की उनकी घोषणा से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि इस तरह की घोषणा करने के लिए गोपनीयता बेहद जरूरी होती है। मुखर्जी ने किताब में एक जगह लिखा है कि 2014 के चुनाव रुझानों को प्रत्येक घंटे का अपडेट देने के लिए उन्होंने अपने एक अधिकारी से कहा था और जब शाम को नतीजे घोषित हुए तो ' एक बड़े जनादेश की सूचना पाकर उन्होंने राहत की सांस ली साथ ही अपनी खुद की पार्टी के प्रदर्शन पर उन्हें निराशा हुई।'

'स्वीकार करना मुश्किल था कि कांग्रेस को मिली हैं 44 सीटें'
रूपा पब्लिकेशन की ओर से प्रकाशित इस संस्मरण में मुखर्जी ने लिखा है, 'यह स्वीकार करना मुश्किल था कि कांग्रेस केवल 44 सीटें जीत पाई है। कांग्रेस एक राष्ट्रीय संस्थान है जो कि लोगों के जीवन से जुड़ी हुई है। सोच रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए कांग्रेस पार्टी का भविष्य चिंता का विषय है।'  कांग्रेस के पूर्व नेता ने कांग्रेस पार्टी की हार के लिए कई कारण गिनाएं हैं लेकिन इनमें सबसे बड़ा कारण उन्होंने नेहरू की तरह करिश्माई नेता का न होना बताया है। 

नवंबर में आई ओबामा कि किताब में गांधी परिवार का जिक्र
गत नवंबर में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा का संस्मरण 'द प्रामिस्ड लैंड' आई। इस किताब में ओबामा ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के बारे में जिक्र किया है। ओबामा के मुताबिक सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री इसलिए बनाया क्योंकि वह इस बुजुर्ग नेता से अपने बेटे के लिए कोई 'खतरा' महसूस नहीं करती थीं। राहुल गांधी के बारे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि 'राहुल ऐसे छात्र हैं जो अपने शिक्षक को प्रभावित करने की चाहत तो रखते हैं लेकिन उनमें ‘विषय में महारत हासिल’करने की योग्यता और जूनून की कमी है।'  
 

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