नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जब संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया तो कई ऐसे मौके आए जब उनके भाषण पर विपक्ष भी ठहाके लगाने लगा। राज्यसभा में विपक्षी दलों के ‘शादी वाले फूफाजी’ विशेषण का प्रयोग करते हुए पीएम मोदी ने कहा कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है लेकिन किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। पीएम ने इस दौरान विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद की भी खूब तारीफ की।
.नाराज फूफा
विपक्ष पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अच्छा होता कि अगर सभी सदस्य राष्ट्रपति जी का भाषण सुन पाते, लेकिन फिर भी राष्ट्रपति जी का अभिभाषण इतना शक्तिशाली था कि लोगों तक पहुंच गया. सुने बिना भी साथियों ने काफी अच्छी बातें रखीं।’ कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मजा ये है कि जो लोग पॉलिटिकल बयानबाजी करते हैं उछल-उछल के, उनकी सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में थोड़ा-बहुत तो किया ही है। किसी ने कानूनों की मंशा पर सवाल नहीं उठाए हैं। शिकायत ये है कि तरीका ठीक नहीं था… जल्दी कर दिया… ये रहता है। वो तो परिवार में शादी होती है, तो फूफा नाराज होकर कहते हैं.. मुझे कहां बुलाया.. वो तो रहता है… इतना बड़ा परिवार है, तो वो तो रहता ही है।'
नया शब्द 'आंदोलनजीवी'
पीएम मोदी ने एक नया शब्द गढ़ते हुए कहा, 'हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी... बुद्धिजीवी... ये सारे शब्दों से परिचित हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे... स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे... मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे... कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा।'
गुलाम नबी की तारीफ
इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद की शालीनता की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'गुलाम नबी आजाद जी की भाषा में हमेशा संयम होता है, वो कभी कटु भाषा का इस्तेमाल नहीं करते। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों को सराहा। मेरा मानना है कि आपकी पार्टी इसे सही भावना में ले जाएगी और इसके उल्ट जी-23 के सुझावों को सुनकर गलती नहीं करेगी।' उन्होंने ये भी कहा कि मेरे दिल में कश्मीर बसता है। यह स्वभाविक है। मैं उनका आभारी हूं।
आनंद लगातार करिए
अपने भाषण को समाप्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मुझपर भी कितना हमला हुआ। हर प्रकार से जो भी कहा जा सकता है, कहा गया। लेकिन मुझे बहुत आनंद हुआ कि मैं कम से कम आपके काम तो आया। देखिए आपके मन में एक तो कोरोना के कारण ज्यादा जाना-आना होता नहीं होगा... फंसे रहते होंगे... और घर में भी खिच-खिच चलती होगी। अब इतना गुस्सा यहां निकाल दिया तो आपका मन कितना हल्का हो गया। आप घर के अंदर कितनी खुशी-चैन से समय बिताते होंगे। तो ये आनंद जो आपको मिला है... इसके लिए मैं काम आया ये भी मैं अपना सौभाग्य मानता हूं और मैं चाहूंगा कि ये आनंद लगातार लेते रहिए। चर्चा करते रहिए... लगातार चर्चा करते रहिए... सदन को जीवंत बनाकर रखिए। मोदी है मौका लीजिए... बहुत-बहुत धन्यवाद।'
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