हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न अवार्ड के फैसले को कांग्रेस, शिवसेना समेत कई दल सरकार के इस फैसले को गलत बता रहे हैं और खेल रत्न पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं तो बीजेपी और सरकार का कहना है कि आम जनता की मांग पर ये फैसला किया गया है। बीजेपी सरकार के इस फैसले को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सम्मान से जोड़ रही है। सवाल है अगर देश को ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के नाम पर खेल रत्न का नाम रख दिया है तो इस पर दिक्कत क्यों,सवाल ये भी है कि नाम बदलने से किसका सम्मान हुआ और किसका अपमान।
गांधी परिवार के नाम कितनी योजना ?
केंद्र की योजनाएं
राजीव गांधी- 16
इंदिरा गांधी- 8
जवाहर लाल नेहरू-4
कुल=28
खेल टूर्नामेंट/ट्रॉफी
राजीव गांधी- 23
इंदिरा गांधी- 4
जवाहर लाल नेहरू-2
कुल=29
शैक्षणिक संस्थान/यूनिवर्सिटी
राजीव गांधी- 55
इंदिरा गांधी-21
जवाहर लाल नेहरू-22
कुल=98
गांधी परिवार के नाम पर अन्य संस्थान
सड़क/भवन/स्मारक -74
चिकित्सा संस्थान/अस्पताल 39
संस्थान/चेयर/फेस्टिवल 37
स्कॉलरशिप 15
नेशनल पार्क/म्यूजियम 15
एयरपोर्ट/बंदरगाह 5
कांग्रेस के साथ साथ दूसरे दलों को भी ऐतराज
अगर इन आंकड़ों को देखें तो एक बात साफ है कि ज्यादातर योजनाओं के नाम गांधी परिवार के नाम पर है। इस विषय पर बीजेपी के नेताओं का कहना है कि यह दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर कभी कोई नजर नहीं आया। अब अगर गांधी परिवार से इतर शख्सियतों को सम्मान दिया जा रहा है तो कांग्रेस को परेशानी क्या है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि अगर बीजेपी को खिलाड़ियों के सम्मान की इतनी ही चिंता है तो अहमदाबाद स्थिति क्रिकेट स्टेडियम का नाम क्यों नहीं बीजेपी बदल दे रही है।
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