Rampurhot violence : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुर हाट इलाके में आठ लोगों को जिंदा जलाकर मारने की घटना ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है। क्रूरता एवं बर्बरता की इस घटना पर लोग सन्न हैं। इस घटना के 72 घंटे बीत गए हैं लेकिन पश्चिम बंगाल की सरकार कोई ठोस कार्रवाई करते हुए नहीं दिख रही है। रामपुरहाट की अगर बात करें तो यहां लोग डरे एवं सहमे हुए हैं। जिन घरों को आग के हवाले किया गया, वहां आस-पास के लोग अपने मकान पर ताला लगाकर जा चुके हैं। कोई भी इस घटना के बारे में बताने एवं गवाही देने के लिए तैयार नहीं है।
रामपुरहाट की इस हृदय विदायक घटना ने बंगाल के 'रक्त चरित्र' को फिर उजागर कर दिया है। वहशी लोगों ने बच्चों एवं महिलाओं को भी नहीं बख्शा। मरने वालों आठ लोगों में शादीशुदा एक जोड़ा भी था। आगजनी की इस घटना में महिलाएं, बच्चे सहित सभी ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। सवाल है कि इन आठ लोगों की बेरहमी से हत्या का जिम्मेदार आखिर कौन है? क्या यह पुरानी रंजिश का मामला है? इन सब सवालों से परदा उठना बाकी है लेकिन ममता सरकार जिस तरह से कार्रवाई कर रही है उससे वह कठघरे में आ गई है।
घटना पर पीएम मोदी ने की टिप्पणी
इस जघन्य घटना पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। उसके आदेश पर घटना वाली जगह पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। धनखड़ ने कहा है कि यह घटना लोकतंत्र एवं इंसानियत के लिए शर्मनाक है। इस घटना को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है। यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर टिप्पणी की है। पीएम ने कहा, 'उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलाएगी। मैं लोगों से आग्रह करूंगा कि वे ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों और अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें।'
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