पूरे देश में बिहार में शराबबंदी चर्चा में है। चर्चा में इसलिए है कि शराबबंदी में बिहार में जहरीली शराब पीकर 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। गोपालगंज से लेकर पटना तक हाहाकार मचा हुआ है। विपक्ष सवाल पर सवाल कर रहा है कि शराबबंदी वाले स्टेट में शराब पीकर लोग मर कैसे रहे हैं। लेकिन विपक्ष को तो नीतीश सरकार ने चुप करा दिया। अब बीजेपी ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल कह रहे हैं कि शराबबंदी पर समीक्षा की जरूरत है। सिर्फ बीजेपी ही नहीं खुद बिहार के CM कह रहे हैं छठ बीत जाने दीजिए शराबबंदी पर पूरी समीक्षा होगी। नीतीश कुमार के इस बयान के बाद लोगों ने ये मतलब भी निकाला कि शराबबंदी क्या खत्म कर दी जाएगी।
अब सवाल उठता है कि नीतीश सरकार ने जिस कानून को जोर-शोर से उठाकर महिलाओं का वोट लिया। उस शराबबंदी पर सवाल क्यों उठ रहे हैं। हमने कुछ रिसर्च की है और मोटे तौर पर कुछ प्वाइंटर्स आपके सामने रख रहे हैं। आपको समझाते हैं कि सवाल क्यों उठ रहे हैं?
'नीतीश की शराबबंदी' पर सवाल इसलिए?
सवाल इतने ही नहीं है, सवाल कई और हैं। CIABC यानी Confederation of Indian Alcoholic Beverage Companies ने पिछले महीने एक प्रजेंनटेशन नीतीश सरकार के सामने रखा, उसमें क्या है।
बिहार में शराबबंदी खत्म होगी?
राष्ट्रवाद में सवाल ये है कि क्या
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