महाराष्ट्र में आज महाअघाड़ी गठबंधन ने अपनी ही सरकार के रहते हुए बंद बुलाया। बंद लखीमपुर हिंसा के विरोध में किया गया लेकिन इस बंद का मकसद साफ साफ सियासी था। जिस तरीके से कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के लोगों ने आम जनता को परेशान किया, लोगों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की, लोगों को जबरन पीटा गया। अपनी सरकार की नाक के नीचे महाअघाड़ी के लोग गुंडागर्दी करते रहे। राह चलते लोगों को पीटा जा रहा है, लेकिन एनसीपी नेता नवाब मलिक कह रहे हैं कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण किया। पूरी जनता ने उनका साथ दिया है।
नवाब मलिक जैसे नेताओँ को उन लोगों की बातें सुननी चाहिए जो इस बंद की वजह से परेशान रहे। बंद की वजह से जो लोग दिनभर कमाई करते थे, आज नहीं कर पाए लेकिन महाअघाड़ी को तो अपनी सियासत चमकानी है।
दूसरी तरफ बीजेपी ने इस बंद का पुरजोर विरोध किया है। बीजेपी ने महाअघाड़ी सरकार पर हमला बोला है और हाई कोर्ट से मांग की है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इतिहास में ऐसा कम ही देखा गया है कि अपनी ही सरकार हो और उसकी नाक के नीचे अपनी ही पार्टी के लोग बंद करे। महाअघाड़ी गठबंधन अपनी सियासत चमकाने के लिए ये बंद का आयोजन कर रही है ये तो साफ है लेकिन क्या इस बंद से महाराष्ट्र की जनता को कितनी परेशानी हुई, अपनी ही जनता को परेशान कर गठबंधन सियासी रोटियां सेक रहा है। ऐसे में सवाल हैं:
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