Rashtravad: राष्ट्रवाद में बात बिहार में रोजगार पर छिड़े जंग की। क्या बिहार में बेरोजगारों के दिन बदलने वाले हैं। क्या बिहार में बेरोजगारों के लिए रोजगार की बहार आने वाली है। ये सवाल इसलिए क्योंकि बिहार में नीतीश 8.0 यानी नीतीश कुमार के 8वीं बार शपथ लेने के बाद सरकार में उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को नौकरी के वादों पर सवाल पूछे जाने लगे हैं। 2020 के विधानसभा में जब तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के विरोध में थे। तभी उन्होंने वादा किया था कि सरकार बनने पर वो 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे। अब जब वो डिप्टी सीएम हैं तो 10 लाख नौकरी की चर्चा हो रही है। और विपक्ष सवाल पूछ रहा है।
दरअसल तेजस्वी यादव से एक इंटरव्यू में, 10 लाख नौकरी पर सवाल किया गया। इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी डिप्टी सीएम हैं, ये वादा सीएम बनने के संदर्भ में था। लेकिन वो मुख्यमंत्री से बात करके ज्यादा से ज्यादा नौकरी देने की कोशिश करेंगे। केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने तेजस्वी यादव के इंटव्यू का वो वीडियो ट्वीट कर कहा अपने वादे से मुकरने का आरोप लगा दिया, गिरिराज सिंह ने लिखा कि 10 लाख रोजगार देने का जो हमने वादा किया था वह हम मुख्यमंत्री बनने पर पूरा करेंगे अभी तो हम उपमुख्यमंत्री हैं।
इसके बाद तेजस्वी यादव ने गिरिराज सिंह को ट्वीट कर जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि श्रीमान जी, इतना बेशर्म मत बनिए। एक फुट लंबी चोटी रखने से कोई ज्ञानी नहीं बन जाता, जैसे आप रखते है। आप लोगों की इन चिरकुट हरकतों, Edited Videos और सड़क छाप बयानों की बदौलत ही भाजपा की यह दुर्दशा है। इन बेचारों का बिहार में कोई चेहरा ही नहीं। बाकी इस पूरे Video को सुन खुशी मनाइए।
गिरिराज सिंह ने इसका जवाब दिया और लिखा कि चारा चोर का बेटा महात्मा नहीं बनेगा। वह फिर से चिड़ियाघर से मिट्टी चुराकर उनके मॉल में इस्तेमाल करेगा। फिर पलटू चाचा नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के आरोप में पूरे लालू परिवार को बर्खास्त कर देंगे। गिरिराज सिंह ने एक और ट्वीट किया और लिखा कि बिहार के सेक्युलर सरकार के शीर्ष नेताओं ने हिंदू प्रतीक चिन्ह टीका-शिखा पर हमले शुरू कर दिए हैं।
इस वाद-विवाद से पहले ही तेजस्वी यादव ने 10 लाख लोगों की नौकरी पर सवाल किया था। एक तेजस्वी यादव और गिरिराज सिंह में जुबानी जंग छिड़ी रही तो दूसरी ओर दिल्ली से बीजेपी ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पहले नौकरी देने का वादा करते थे, अब कह रहे हैं कि सीएम बनेंगे तो नौकरी देंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ये कहा कि, रोजगार के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री जो बोल रहे हैं वो सही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की कोशिश करेंगे।
अब सवाल ये है कि आखिर बिहार में सरकार बदलते ही रोजगार पर इतना हंगामा क्यों मच गया। दरअसल 2020 में चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने सरकार बनने पर 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। तेजस्वी यादव ने आरजेडी के घोषणा पत्र में कहा था कि 15 वर्ष के NDA शासन में रिक्त पड़े 4.50 लाख पद भरने के साथ-साथ 5.50 लाख स्थाई पदों का सृजन कर कुल 10 लाख स्थाई नौकरी की समयबद्ध बहाली की प्रक्रिया, पहली ही कैबिनेट में पहले दस्तखत के साथ शुरू होगी। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने बेरोजगारों के लिए एक टोल फ्री नंबर- 9334302020 जारी किया था। और बेरोजगार युवकों से www.berozgarihatao.co.in पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा था।
इतना ही नहीं, 2020 में जब आरजेडी सरकार नहीं आई तो विधानसभा में तेजस्वी यादव ने अलग-अलग विभागों में खाली पदों का पूरा आंकड़ा पेश किया था। तेजस्वी यादव ने नौकरियों का खाका पेश करते हुए बताया था कि बिहार में साढ़े चार लाख पद पहले से ही खाली हैं। तेजस्वी यादव ने जो आंकड़ा पेश किया, उसके मुताबिक 2020 तक
स्वास्थ्य विभाग - 2.5 लाख
पुलिस विभाग- 50 हज़ार से ज्यादा
शिक्षा विभाग- 3 लाख से ज्यादा
पथ निर्माण, जल संसाधन और अन्य विभाग- 75 हज़ार
लिपिका-चपरासी अन्य वर्ग- 2 लाख
कुल- 8.75 नौकरी
अब बिहार के कुछ आंकड़े देख लेते हैं।
बिहार में बेरोजगारी दर - 18%
ये देश में चौथे नंबर पर है।
2022 में बिहार की जीडीपी- 2.37 लाख करोड़ है
2021-22 में सेलरी-पेंशन पर खर्च- करीब 50 हजार करोड़
अब अगर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बिहार के 10 लाख लोगों को नौकरी दे पाती है तो सवाल ये है कि क्या बिहार सरकार उन्हें समय से सेलरी देने की स्थिति में होगी।
राष्ट्रवाद में अब आज के सवाल
10 लाख नौकरी पर बीजेपी Vs तेजस्वी में सच्चा कौन ?
तेजस्वी CM बनेंगे, तभी 10 लाख नौकरी देंगे ?
तेजस्वी के डिप्टी CM रहते बेरोजगारों की कितनी नौकरी ?
सरकार से पहले और अब सरकार बनने के बाद, कितना बदलाव हुआ ?
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