Frankly Speaking With Shiv Sena MP Arvind Sawant : महाराष्ट्र में चल रहे सियासी खींचतान के बीच टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने सभी सवालों के बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि असली शिवसेना एक ही है, बालासाहेब की शिवसेना, उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं। बाकी नकली शिवसेना है। उद्धव ठाकरे ने खुद कहा है कि उन्होंने वर्षा छोड़ी है, जिद नहीं। 80% सामाजिक नीति और 20% राजनीति ये विचारधारा है शिवसेना की।
अरविंद सावंत ने कहा कि हमने हार नहीं मानी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने घर छोड़ा है जिद नहीं छोड़ी। बागियों को लगे कि मैं कुर्सी का लालची नहीं हूं। उद्धव बड़े दिल के आदमी हैं। उन्हें लगा अपने लोगों ने धोखा दिया। उद्धव ने कहा कि एकनाथ शिंदे को रिक्शावाले से नेता बनाया। क्या नहीं किया एकनाथ शिंदे के लिए। सिर्फ मुख्यमंत्री बनने का लालच है। सत्ता के लिए नहीं, शिवसेना समाज के लिए है। हमारी नीति 80 फीसदी सामाजिक नीति, 20 फीसदी राजनीति है।
शिवसेना सांसद ने कहा कि हिंदुत्व की घोषणा बाला साहेब ठाकरे ने की। 1987 में बीजेपी शिवसेना के खिलाफ थी। बीजेपी 'गर्व से कहो हम हिंदू हैं' नारे खिलाफ थी। उद्धव ने हिंदुत्व की विचारधारा को आज तक नहीं छोड़ा है। 2014 में बीजेपी ने हमसे गठबंधन तोड़ा। जिसने साथ दिया बीजेपी ने उसे धोखा दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी अनशन में बैठे थे, उद्धव उनके पास गए थे। 2014 में बीजेपी का हिंदुत्व कहां गया था? उद्धव अकेले रहे, अकेले लड़े। बाहर के सपोर्ट पर बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में रही। अमित शाह मातोश्री आए और उद्धव से मिले। अमित शाह ने कहा कि जो गलतियां हुई हैं, वो सुधारना चाहता हूं। हम जबान पर रहने वाले लोग हैं। अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। जब झगड़ा शुरू हुआ उसके बाद अमित शाह महाराष्ट्र नहीं आए। अगर जबान नहीं दी थी, तो उसी समय सामने आना था।
उन्होंने कहा कि सच्चे आंकड़े आपको बाद में पता लगेंगे। कई सारे लोग रोज फोन कर रहे हैं कि हमें वापस आना है। वो लोग ऐसे कब्जे में हैं जैसे जेल में हैं। उद्धव साहब ने कहा कि ऐसा कदम कोई नहीं उठाएगा। ये गठबंधन अलग है। राष्ट्रवादी और कांग्रेस में बहुत बड़े नेता हैं। जितने लोगों पर ईडी की इंक्वाइरी हुई है, वो वहां पर हैं। हमें सत्ता का कोई लालच नहीं है। हमें सत्ता की कोई परवाह भी नहीं है।
अरविंद सावंत ने कहा कि जिद हमने नहीं छोड़ी है। जो लोग फंसकर गए हैं उन्हें छुड़ाना है। पार्टी कानूनी कार्रवाई कर रही है। अब इन्हें या तो बीजेपी में या अन्य पार्टी में जाना होगा। इनकी स्थिति ना घर के ना घाटे के, की है। अगर जाना था तो इस्तीफा देकर जाना चाहिए था। लोगों ने उन्हें पार्टी के नाम पर वोट किया। लोगों के अंदर इनके लिए गुस्सा भरा है। तुम पार्टी तोड़ो और हम जनतंत्र की ताली बजाएं? न्यूटन का तीसरा लॉ कहना है, हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। मेरे अंदर दर्द है, ये लोग राजनीति खेल रहे।
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