Russia Ukraine War : रक्षा विशेषज्ञ अभिजीत मित्रा ने दावा किया है कि भारत के कहने पर रूस ने आठ घंटे तक यूक्रेन पर हमले रोक दिए ताकि भारतीय छात्र वहां से बाहर निकल सकें। अपने ट्वीट में मित्रा ने कहा है कि जिस युद्ध को अमेरिका और यूरोप नहीं रोक पाए उस लड़ाई को भारत के कहने पर रोका गया। इस दावे में कितनी सच्चाई है। इसमें कोई शक नहीं कि भारत के संबंध दोनों देशों रूस और यूक्रेन के साथ अच्छे हैं लेकिन यह कहना क्या सही है कि भारत के कहने पर रूस ने अपने हमले रोक दिए। इस पर टाइम्स नाउ नवभारत ने पूर्व राजनयिक जेके त्रिपाठी एवं एक्सपर्ट नितिन गोखले से बात की।
बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया
पूर्व राजनयिक जेके त्रिपाठी ने कहा कि यह कहना कि भारत के कहने पर रूस ने हमले रोक दिए, बात को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना है। मान लें कि रूस ने बुधवार को अपना हमला यदि छह-आठ घंटे के लिए रोका तो क्या यह केवल भारत के लिए था। यूक्रेन में और देशों के भी बच्चे हैं।
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रूस ने एक विंडो टाइम दिया था-गोखले
रक्षा मामलों के जानकार नितिन गोखले ने कहा कि 'सबसे पहले मैंने इस बारे में ट्वीट किया था। मैंने यह नहीं कहा कि भारत के कहने पर युद्धविराम हुआ। मैंने यह कहा कि छह घंटे के लिए (भारतीय समय साढ़े नौ बजे तक) रूस ने एक विंडो टाइम दिया था। भारतीय दूतावास ने भी एडवाइजरी जारी कर छात्रों को खारकीव से निकलकर रूस की सीमा की तरफ जाने के लिए कहा। रूस ने खारकीव पर हमले की जानकारी कुछ देशों को दी होगी। इसमें भारत भी शामिल होगा। यह बात मैंने कल शाम साढ़े छह बजे के आस-पास कही थी।'
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