'सवाल पब्लिक का' में बात हुई जालियांवाला बाग से जुड़े विवाद पर। जालियांवाला बाग का नाम आप सबने सुना होगा। बचपन से सुनते आए हैं। उसी जलियांवाला बाग का नवीनीकरण कराया गया है। मोदी सरकार और विशेषकर पीएम मोदी के निर्देश पर ये काम हुआ। खुद प्रधानमंत्री ने न्यू जलियांवाला बाग देश को समर्पित किया है। अब राहुल गांधी, सीताराम येचुरी गुस्से में आगबबूला हैं। उन्हें लाइट एंड साउंड वाला, साफ-सुथरा, भव्य जलियांवाला बाग पसंद नहीं आया, पता नहीं क्या हुआ?
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'जलियावाला बाग के शहीदों का अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। मैं एक शहीद का बेटा हूं। शहीदों का अपमान किसी कीमत पर नहीं करूंगा। हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं।' लगता है कि शब्दों का चयन चुन-चुनकर किया गया। शहीद का बेटा, शहीद का अपमान, अभद्र कूरता।
वहीं कैप्टन अमरिंदर यानि पंजाब के मुख्यमंत्री उन्होंने राहुल जी ट्वीट के बाद कहा कि उन्हें नहीं मालूम विवाद क्यों हुआ लेकिन जलियांवाला बाग में शानदार काम हुआ है। सिद्धू जो आज की तारीख में पंजाब में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, उन्होंने 2018 में ये कहा था कि केंद्र सरकार जलियांवाला बाग को लेकर सोई हुई है क्या? रेनोवेशन क्यों नहीं किया जा रहा। अब न्यू जलियांवाला बाग बनकर तैयार है तो राहुल जी शहादत का अपमान बता रहे हैं। बीजेपी कह रही है कि राहुल अपनी सियासी रोटी सेंक रहे हैं।
अब सवाल पब्लिक का ये है कि
मोदी का 'न्यू जलियांवाला'..राहुल गांधी क्यों आगबबूला?
जलियांवाला बाग में जब जानवर टहलते थे..राहुल चुप क्यों थे?
शहादत समझने के लिए क्या शहीद का बेटा होना जरूरी है क्या?
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