Sawal Public Ka : इन दिनों देश में एक बड़ी बहस चल रही है कि 2024 में नरेंद्र मोदी के सामने पीएम का चेहरा कौन होगा ? एक सवाल और है कि जो पीएम मैटेरियल कहे जा रहे हैं। वो मोदी के मुकाबले कितने दमदार हैं? 2024 की रेस में कई नेता हैं। राहुल गांधी पहले से हैं। अभी-अभी पीएम मैटेरियल के तौर पर सबसे नया नाम बिहार के सीएम नीतीश कुमार का आ गया। जिनकी पार्टी के लोग और प्रदेश के डिप्टी सीएम तक इस बात का संकेत दे चुके हैं। हालांकि महागठबंधन में उनकी सहयोगी कांग्रेस ने कहा है कि उनके पास पीएम मैटेरिएल राहुल गांधी हैं। उधर, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी इस रेस में हैं। जो दूसरे राज्यों में भी अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटी हैं। आज भी ममता बनर्जी कोलकाता में सुब्रह्मण्यम स्वामी से मिली हैं।
इसके अलावा पीएम मैटेरियल के तौर पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और NCP चीफ शरद पवार के नाम की भी चर्चा हो रही है। ये तो हुई 2024 की रेस की बात। जिसे हम आपको कई बार पहले भी बता चुके हैं। लेकिन जब आप इन नेताओं की अलग-अलग तरीके से मोदी के मुकाबले मूल्यांकन करते हैं तो रिजल्ट क्या आता है?
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। गहलोत सीएम हैं। लेकिन पिछले कुछ महीने से राजस्थान में क्या ही हालत हो रखी है। बिहार में महागठबंधन की सरकार है। सीएम नीतीश खुद अगले पीएम की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं लेकिन लाचारगी देखिए कि एक फरार कानून मंत्री पर खुलकर कुछ बोल भी नहीं पा रहे। एक दागी खाद्य मंत्री पर क्या फैसला लें इसे लेकर असमंजस जैसी स्थिति दिखती है। बंगाल में तो आया राम, गया राम है। पार्थ चटर्जी को आज कोर्ट ने 31 अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया। बेल नहीं मिली। अनुब्रत मंडल केस का Example आपके सामने है। ऐसे में आज सवाल पब्लिक का है क्या ऐसा ही रिपोर्ट कार्ड लेकर 2024 में मोदी को चुनौती देंगे। विपक्ष के चेहरे?
जयपुर में मंदिर के पुजारी ने खुद को आग लगा ली। पुजारी गिरिराज शर्मा की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि मंदिर समिति के सदस्य पुजारी को परेशान कर रहे थे। राजस्थान के हनुमानगढ़ में साधु चेतनदास की हत्या उनकी कुटिया में ही कर दी गई। हत्या की वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है लेकिन राजस्थान की कानून व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर कुटिया में घुसकर साधु को किसने मारा?
जयपुर में scheduled caste की एक महिला टीचर को जलाकर मार डाला गया। दस अगस्त को पेट्रोल डालकर महिला टीचर को जिंदा जलाया गया जिसके बाद कल शाम महिला ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले आपने जालोर की घटना देखी- जहां आरोप लगा कि एक प्राइवेट स्कूल में मटके से पानी पीने पर एक छात्र की टीचर ने पिटाई कर दी जिससे उसकी मौत हो गई। और, इन सबसे बड़ी बात की करौली दंगे का मास्टरमाइंड माना जाने वाला मतलूब अहमद 138 दिन से फरार है । दूसरा आरोपी साहब सिंह गुर्जर ने सरेंडर किया। राजस्थान की पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई।
राजस्थान की ये हालत है लेकिन CM गहलोत गुजरात प्लान में लगे हुए हैं । आज टाइम्स नाउ नवभारत के रिपोर्टर अमित राजपूत ने उनसे गुजरात में ही पूछा..मतबूल कब गिरफ्तार होगा। जवाब सुन लीजिए। सीएम गहलोत कह रहे हैं कि राजस्थान नंबर वन है। लेकिन कुछ और आंकड़े देखिए। साल 2020 का एक डेटा कहता है कि वहां एक साल में रेप की 5 हजार 310 वारदात हुई। हर रोज 15 रेप और हर डेढ़ घंटे में एक रेप का मामला दर्ज हुआ।
ये आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में क्राइम अनकंट्रोल हो रहा है लेकिन सीएम गहलोत जो खुद गृहमंत्री भी हैं अपने राज्य को संभालने के बजाय गुजरात में चुनाव प्रचार में बिजी हैं। चंद महीने पहले करौली में दंगा हुआ था- दंगे का मुख्य आरोपी मतलूब 138 दिन से अब तक फरार है। गहलोत सरकार अब तक क्यों मतलूब को पकड़ नहीं पाई है - क्या सरकार के संरक्षण की वजह से ही मतलूब पकड़ा नहीं गया है- आज अशोक गहलोत से मतलूब को लेकर टाइम्स नाउ नवभारत संवाददाता ने सवाल किया- गहलोत साहब जवाब देने की बजाय क्या कह रहे हैं सुनिए।
अब आप 2024 में मोदी के मुकाबले पीएम पद की रेस में नए आए नीतीश कुमार का सुशासन वाला बॉयोडेटा देखिए । बिहार में पिछले 24 घंटे में चार बड़ी वारदात हुई है ।
बिहार में नई सरकार बनने के बाद क्राइम की लिस्ट जिस तेजी से बढ़ रही है। उससे कहीं न कहीं ये दिख रहा है कि नीतीश का सुशासन कल की बात हो गई। अब मैसेज कुछ और जा रहा है। फिर से जंगलराज की बात की जा रही है। लेकिन नीतीश 2024 के प्लान पर काम कर रहे हैं। सवाल है कि क्या ऐसे रिपोर्ट कार्ड से कोई फर्क नहीं पड़ता?
अब दीदी का हाल देखिए। आया राम..गया राम। एक जेल पहुंच रहा है दूसरा सहयोगी जेल का नंबर लगाए बैठा है।
SSC घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को आज कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। दोनों को 31 अगस्त तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया। आपको बता दें कि कोर्ट में पेशी के दौरान पार्थ और अर्पिता के वकील ने दोनों को जमानत देने की अपील की थी, जिसका ED ने विरोध किया। बीते दिनों आपने देखा कि ED की रेड में अर्पिता के घर से करीब 50 करोड़ कैश, करीब ढाई करोड़ का सोना बरामद हुआ था ।
इसके अलावा ममता के एक और मंत्री अणुब्रत मंडल भी पशु तस्करी मामले में CBI की कस्टडी में हैं। अणुब्रत पर अब अपनी बेटी सुकन्या समेत छह करीबी लोगों को अवैध तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलाने का भी आरोप लगा है। 2024 के लिए ममता दीदी भी कैंडिडेट हैं। और होना चाहिए ये उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन सवाल है क्या अपनी सरकार का ऐसा रिपोर्ट कार्ड लेकर 2024 में मोदी के सामने होंगी दीदी?
अब 2024 के इस लार्जर पिक्चर को लेकर जो सवाल पब्लिक का है वो है..
सवाल नंबर- 1
2024 की रेस में मोदी के सामने किसके रिपोर्ट कार्ड में कितना दम?
सवाल नंबर - 2
क्या कांग्रेस से राजस्थान ठीक से संभल रहा ? क्या राजस्थान का रिपोर्ट कार्ड राहुल का रिपोर्ट कार्ड नहीं ?
सवाल नंबर -3
अपने दागी मंत्रियों पर चुप रहने वाले.. प्रधानमंत्री के लिए क्या रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे ?
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