Rahul Gandhi ने Punjab की जो सियासी 'किताब' लिखनी शुरू की थी उसे संभवतः पूरी कैप्टन ही करेंगे | कैप्टन ने हाल ही के अपने बयान से साफ़ कर दिया है कि उनकी आगे की दिशा कांग्रेस और सिद्धू दोनों को नुकसान पहुंचाने वाली है | चार दशक तक पंजाब में कांग्रेस को खून-पसीने से सींचने के बाद कैप्टन को जिस तरह दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया गया वो शायद उनके गुस्से की एक बड़ी वजह हो सकती है। कैप्टन पद के भूखे नहीं ये उनके विरोधी भी जानते हैं कहते भी हैं । लेकिन सम्मान से समझौते की बात पर वो बर्दाश्त नहीं करते।
मीडिया से बात करते हुए कैप्टन ने कहा, 'पहली बात, मैं अब कांग्रेस में नहीं रहूंगा। दूसरी बात, मैं बीजेपी ज्वाइन नहीं कर रहा हूं। सिद्धू पंजाब के लिए सही नहीं हैं। अगर वो लड़ेगा, जहां से भी लड़ेगा, मैं उसे नहीं जीतने दूंगा। सिद्धू का काम है पार्टी चलाना, चरणजीत सिंह चन्नी का काम है सरकार चलाना। मैं सरकार चलाने में इंटरफेयरेंस कभी नहीं होती। मैंने अपने समय में दो बार सरकार चलाई है। तीन बार मैं PCC अध्यक्ष रहा हूं। एक दूसरे से बात करते हैं। लेकिन आखिरी फैसला चन्नी का है, जो मुख्यमंत्री हैं, ना कि सिद्धू का।'
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