Special Report on Flood: पूरे देश में आसमानी आफत की ग्राउंड रिपोर्ट और मौसम विभाग का अगले 100 घंटे का अलर्ट लेकिन उससे पहले दो ऐसी तस्वीर जो डराती भी है और सावधान भी करती है। पहली तस्वीर बिहार की राजधानी पटना की है। जहां गंगा में नहाने गए एक ही परिवार के 4 लोग डूब गए। बताया जा रहा है कि नहाने के दौरान तैरते हुए दो बच्चे गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे तो उनके माता-पिता बच्चों को बचाने के लिए गए लेकिन अफसोस कि चारों के चारों पानी में डूब गए। दूसरी तस्वीर जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा की है। जहां बादल फटने से अचानक इतना सैलाब आया कि हर कोई खौफजदा हो गया। गनीमत रही कि इस सैलाब से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
मूसलाधार बारिश के बीच पहाड़ों से गिरता मलबे का सैलाब डरा रहा है। मंजर जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले का है। जहां सुबह-सुबह की बारिश ने शालगड़ी इलाके में हड़कंप मचा दिया। मौसम विभाग ने पूरे जम्मू-कश्मीर में 27 से 30 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दौरान गरज के साथ बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का भी अलर्ट है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के लोगों को 72 घंटे तक बहुत सावधान रहने की जरूरत है। एक दिन पहले ही अमरनाथ में पवित्र गुफा के आसपास पहाड़ों पर एक बार फिर भारी बारिश हुई तो हालात बाढ़ जैसे पैदा हो गए। अबकी बार 8 जुलाई जैसी त्रासदी न हो। इसके लिए सुरक्षाबलों ने पहले ही 4 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों को फौरन पंचतरणी भेज दिया। आपको याद दिला दें कि 8 जुलाई को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 15 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।
बारिश और बाढ़ से तेलंगाना की हालत
आसमानी मुसीबत का मंजर कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक जैसा है।अब हैदराबाद की हालत ही देख लीजिए। ये हैदराबाद का चादरघाट इलाका है। जहां मूसी नदी इस कदर उफनी कि मलकपेट ब्रिज भी बाढ़ की चपेट में आ गया। आधी रात के वक्त डैम से इतना पानी छोड़ा गया कि मूसी नदी खतरे के निशाने को पार कर गई बस्तियों में पानी दाखिल हो गया। मकानों के अंदर घुटने तक पानी भर गया। मजबूरन लोगों को छतों और सुरक्षित जगहों पर पनाह लेनी पड़ी। ड्रोन कैमरे में कैद हैदराबाद का ये मंजर भी देखिए। चारों तरफ पानी का साम्राज्य है। सड़क पर दरिया बह रहा है। पेट्रोल पंप भी डूब चुका है। पानी का वेग डरा रहा है।
बाढ़ का ऐसा कहर, देखते ही देखते पानी के तेज बहाव में डूब गई कार, देखें वीडियो
तेलंगाना में बीते 15 दिनों से जबरदस्त बारिश हो रही है। हैदराबाद समेत सूबे के कई जिलों के लिए रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट लगातार जारी हो रहे हैं। बांध का पानी अपनी सरहद लांघ चुका है। ऐसे में मजबूरी में बांधों के दरवाजे खोलने पड़ रहे हैं। जिसका नतीजा ये हुआ कि हैदराबाद शहर में बहने वाली मूसी नदी में बाढ़ आ गई और निचले इलाके पानी की जद में आ गए। नदी किनारे का मंदिर भी डूब गया।
बारिश और बाढ़ से राजस्थान का हाल बेहाल
मूसलाधार मुसीबत से राजस्थान भी परेशान है। जोधपुर में बारिश के कहर से हर कोई हलकान है। सब्जी मंडी की हालत देखिए। जो बाजार कम और तालाब ज्यादा लग रहा है। बारिश यहां ऐसी तबाही लेकर आई कि घरों में कमर तक पानी भर गया। घर के अंदर मौजूद सारा सामान बर्बाद हो गया।
जोधपुर में बाढ़-बारिश से हालात कितने खराब हैं। ये आप इन तस्वीरों को देखकर खुद समझ सकते हैं। बाइकें डूब गईं। गाड़ियां डूब गईं। भारी बारिश की वजह से रात के अंधेरे में जोधपुर में ये मकान धराशायी हो गया। मलबे में 4 लोग दब गए। एक ने तो मलबे के नीचे ही दम तोड़ दिया। जबकि 3 लोगों को किसी तरह निकाला गया। इसमें भी एक की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है। जोधपुर में ही भारी बारिश से आए सैलाब में डूबकर 4 बच्चों की मौत हो गई।
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पानी के प्रचंड प्रहार की ये तस्वीर राजस्थान के कोटा की है। यहां नदी को पार कर रही ये कार लहरों का शिकार हो गई। राजस्थान में इस सीजन में अब तक 55% से ज्यादा बारिश हो चुकी है। जोधपुर में तो पूरे मानसून में होने वाली बारिश का 84% पानी 24 घंटे में ही बरस गया। मंगलवार शाम तक यहां 180 MM तक बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने राजस्थान में 26 और 27 जुलाई के लिए भारी बारिश का अलर्ट दिया था। जो हंड्रेड परसेंट सटीक भी साबित हुआ। चेतवानी का एक दिन तो गुजर गया लेकिन दूसरा दिन अभी बाकी है। ऐसे में राजस्थान वालों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
बारिश और बाढ़ से यूपी की हालत
यूपी में भी गंगा-यमुना उफान पर हैं। वाराणसी में गंगा हर रोज खतरे के निशान के करीब पहुंच रही है। लहरें उफान मार रही हैं। गंगा घाटों की सीढ़ियां धीरे-धीरे पानी में समाती जा रही हैं। नदी के तट पर छोटे मठ-मंदिर जलसमाधि लेने लगे हैं। गंगा के रौद्र रूप को देखकर प्रशासन भी एक्शन में है। चप्पू वाली नावों पर पाबंदी लगा दी गई है ताकि नाविकों या फिर सैलानियों के साथ कोई अनहोनी ना हो। हालात पर नजर रखने के लिए जल पुलिस के साथ NDRF को भी अलर्ट पर रखा गया है। सैलानियों को भी नदी की धारा से दूर रहने की नसीहत दी गई है।
प्रयागराज में भी गंगा और यमुना ने दायरे को लांघना शुरू कर दिया है। पानी का दायरा खतरे की सीमा को पार कर चुका है। संगम घाट पानी में समाता जा रहा है। घाट पर लगे तंबू उखड़ने लगे हैं। दुकानें सिमटने लगी हैं। अभी गंगा ज्यादा उफान पर हैं। अगर यमुना में भी इसी रफ्तार से पानी बढ़ा तो खतरा बड़ा हो सकता है। मौसम विभाग ने 28 से 30 जुलाई तक यूपी और बिहार में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में दोनों राज्यों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।
यूपी में मंगलवार शाम को कई शहरों में जोरदार बारिश हुई। कानपुर में इस मॉनसून की सबसे तेज बारिश हुई। यहां दो घंटे में 16 MM बारिश रिकॉर्ड की गई। घरों और फैक्ट्री तक में पानी घुस गया। तेज बारिश में आकाशीय बिजली गिरने से यूपी में 10 लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में प्रयागराज, लखनऊ, चंदौली, मऊ, कौशांबी, चित्रकूट, फतेहपुर, हमीरपुर, बांदा, आगरा, मेरठ में बारिश की संभावना जताई है। अलर्ट के मुताबिक पूरे यूपी में 30 जुलाई तक बारिश का अलर्ट है।
बारिश और बाढ़ से छत्तीसगढ़ की हालत
चेतावनी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भी मंगलवार जोरदार बारिश हुई। लेकिन लापरवारी का आलम देखिए। जरा सा बैलेंस बिगड़ा तो अनहोनी हो सकती है लेकिन लग रहा है जैसे इन्हें खुद ही अपनी जान की परवाह नहीं है। ये तस्वीर छत्तीसगढ़ के कवर्धा की है। जहां श्रद्धालु अपनी जान हथेली पर रखकर भोरमदेव शिव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। रुक-रुक कर हो रही लगातार बारिश से कवर्धा की नदी-नाले उफान पर हैं। सड़क और पुल के ऊपर से सैलाब बह रहा है। लेकिन लोग सैलाब के भंवर से दूर रहने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। अफसोस की बात ये कि यहां प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा और बचाव के इंतजाम नदारद हैं।
बारिश और बाढ़ से मध्य प्रदेश की स्थिति
अब आपको मध्य प्रदेश के सिवनी की तस्वीर दिखाते हैं। जहां बारिश के बीच सरकारी स्कूल के बेबस बच्चों की हालत बेहद अफसोसजनक है। सिवनी के खैरी कलां गांव के सरकारी स्कूल के बच्चे टपकती छत के नीचे छाता लगाकर पढ़ने को मजबूर हैं। हैरानी की बात ये कि स्कूल के टीचर ने इसकी शिकायत मॉनसून के मौसम से काफी पहले ही आला अधिकारियों से की थी लेकिन टूटती और टपकती छत की मरम्मत अबतक नहीं हो पाई।
जहां कई जिलों में मंगलवार को मूसलाधार बारिश हुई। इसके बाद कई जगहों पर पानी भर गया। इसमें भोपाल, गुना, सागर, बैतूल शामिल हैं। जहां 1 इंच से ज्यादा पानी गिरा। एमपी में भारी बारिश को लेकर 13 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। रतलाम, शाजापुर, आगर, देवास, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुर, सागर, दमोह, पन्ना, अनूपपुर, डिंडोरी और उमरिया जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
बारिश से हलकान स्कूली बच्चों की मुसीबत की ये तस्वीर मथुरा की है। जहां बलदेव इलाके के दघेंटा प्राइमरी स्कूल तालाब में तब्दील हो गया है। बच्चे परेशान हों तो हों। यहां की मैडम को इससे फर्क नहीं पड़ता। उनके पांव भीग न जाएं। इसके लिए उनके ऑर्डर पर बच्चों ने कुर्सियों का ही पुल बना दिया।
बारिश और बाढ़ से हिमाचल प्रदेश की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में भी बारिश कहर बरपा रही है। कहीं बादल फट रहे हैं तो कहीं नालों में बाढ़ आ गई है।इससे अबतक 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। कुल्लू जिले में मंगलवार को लैंडस्लाइड हुआ। इससे बागीपुल-जांव मार्ग ब्लॉक हो गया। हालांकि किसी नुकसान की खबर नहीं आई है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिन राज्य में भारी बारिश की आशंका जताई है। 26 और 27 जुलाई के लिए यलो अलर्ट था, जबकि 28 - 29 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
जुलाई में कुदरत का कोहराम ऐसा है, फिर अगस्त में कैसा होगा? ये सोचकर ही सिहरन होती है लेकिन सवाल तो ये कि हर साल की कहानी वही पुरानी, बारिश, बाढ़ और बर्बादी, ऐसे में प्रकृति के प्रकोप से कैसे बचेगी 1 अरब से ज्यादा की आबादी?
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