शिवपाल यादव वैसे तो समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक हैं लेकिन उनकी अपनी पार्टी भी है। ठीक वैसे ही आजम खान समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक हैं लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि अखिलेश यादव अनदेखी कर रहे हैं। कुछ इसी तरह की बात शिवपाल यादव की तरफ से तब कही गई जब उन्हें एसपी विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया। इन सबके बीच शिवपाल यादव खुद सीतापुर जाकर जिला जेल में आजम खान से मुलाकात की। वैसे तो शिवपाल यादव ने मुलाकात को गैर सियासी बताया। लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस मुलाकात से पहले की घटनाक्रम को देखें तो इसे सियासी नाम दिया जा सकता है।
मुलाकात के मायने क्या हैं
अब सवाल यह है कि इस मुलाकात के मायने क्या हैं।इस सवाल के जवाब में जानकार खुद शिवपाल यादव और आजम खान के समर्थकों के बयान पर ध्यान देने की बात कहते हैं। हाल ही में आजम खान के कट्टर समर्थक ने कहा कि अगर योगी जी कहते हैं कि आजम खान की रिहाई अखिलेश यादव खुद नहीं चाहते हैं तो गलत नहीं है। पिछले दो वर्षों में वो आजम खान से सिर्फ एक दफा मिले। यही नहीं जमीनी स्तर पर आजम खान की रिहाई के लिए कोशिश भी नहीं की। यह एक ऐसा दर्द है जिसका जिक्र अब आजम खान के समर्थक खुली तौर पर कह रहे हैं। हाल ही में किसी कोने से आवाज आई कि आजम खान साहब को किसी और विकल्प के बारे में सोचना चाहिए कुछ लोगों ने एआईएमआईएम का हिस्सा बनने की सलाह तक दे डाली।
शिवपाल का अखिलेश पर पलटवार, 'मुझे विधायक दल से बाहर निकाल दें'
अब बात करते हैं शिवपाल यादव की। शिवपाल यादव के बारे में कहा जा रहा है कि उनका रुख बीजेपी के लिए लचीला है। हाल ही में जब उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल में बदलाव किया तो इस बात की चर्चा आम थी कि वो बीजेपी खेमे में जा सकते हैं। हालांकि वो इसका खंडन करते रहे हैं। लेकिन आगरा में जब अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के साथ सहानुभूति रखने वालों के साथ किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा तो शिवपाल यादव भी चुप नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जब चाहें अखिलेश यादव निकाल दें। इस पृष्ठभूमि में आजम खान-शिवपाल यादव की मुलाकात को अहम बताया जा रहा है।
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