श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस सुप्रीमो फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन स्कैम केस में पीएमएलए के तहत केस दर्ज है और ईडी ने इस सिलसिले में फारुक अब्दुल्ला की चार संपत्तियों को अटैच किया है जिसमें दो आवासीय और दो प्लॉट शामिल हैं। ईडी की इस कार्रवाई को नेशनल कांफ्रेस राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बता रहा है। लेकिन बीजेपी का कहना है कि कानून अपने हिसाब से काम कर रहा है। किसी तरह का राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है। एनसी के भ्रष्ट कारनामों को जब उजागर किया जाता है तो उनकी तरफ से इस तरह की बयानबाजी होती है।
कई दौर की हो चुकी है पूछताछ
करीब 44 करोड़ रुपए के गबन से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (Enforcement Directorate) श्रीनगर दफ्तर में पूछताछ की गई थी। इस मामले में 2015 में सीबीआई दर्ज मामले के आधार पर ईडी जांच कर रही है। इस मामले में फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ हो चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक 2005-2006 से 2011 तक JKCA को BCCI से 109.78 रुपये की कुल धनराशि प्राप्त हुई। 2006 से जनवरी 2012 तक जब अब्दुल्ला JKCA अध्यक्ष थे, तो उन्होंने पदाधिकारी की गैरकानूनी नियुक्तियों द्वारा अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया था, जिसके लिए उन्होंने वित्तीय अधिकार दिए थे।
गबन का है आरोप
पिछली बार जब चंडीगढ़ दफ्तर में फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ हुई थी तब जांच एजेंसी ने उनसे कई जरूरी दस्तावेज मांगे थे उस समय उन्होंने 15 दिनों का समय मांगा गया था। लेकिन एक वर्ष से ज्यादा समय के गुजरने के बाद भी उन्होंने जांच एजेंसी को पेपर नहीं सौंपे।अब्दुल्ला पर आरोप है कि जे एंड के क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने धन का इस्तेमाल खुद के हितों को पूरा करने के लिए किया था।
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