नई दिल्ली : चीन के साथ कांग्रेस के 'करार' पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सवाल उठा दिया। शीर्ष अदालत ने चीन के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने पर तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि चीन के साथ कोई राजनीतिक पार्टी किसी 'एमओयू' पर हस्ताक्षर कैसे कर सकती है? प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि 'किसी विदेशी सरकार ने एक राजनीतिक पार्टी के साथ कोई करार किया हो, यह बात उसने कभी नहीं सुनी।' कोर्ट ने इस एमओयू की जांच एनआईए अथवा सीबीआई से कराने की मांग वाली अर्जी सुनने से इंकार कर दिया। बता दें कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) के बीच सात अगस्त 2008 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुआ। इस करार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमेशा सवाल खड़ा करती रही है।
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