नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र द्वारा दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के मामले पर फिर से सुनवाई की। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार कैसे दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन प्रदान करेगी। केंद्र ने अदालत को बताया कि दिल्ली को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है और 56 अस्पतालों में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार पर्याप्त स्टॉक है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह मेडिकल ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाकर कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दे।
सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि वर्तमान में दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का महत्वपूर्ण भंडार है। उन्होंने कहा कि राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश भी अपने अस्पताल की मांगों को पूरा करने के लिए अधिक ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं।
केंद्र ने आज विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन की खरीद और आपूर्ति पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी विस्तृत योजना भी प्रस्तुत की।
हालांकि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्र से कहा कि वह अखिल भारत के आधार पर ऑक्सीजन आपूर्ति के मुद्दे को देखे। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट पर भी गौर करने की जरूरत है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'वर्तमान में स्वास्थ्य पेशेवर पूरी तरह से थकान में हैं, आप बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं कैसे सुनिश्चित करेंगे? आज और सोमवार के बीच क्या होगा? आपको (केंद्र) आपूर्ति में वृद्धि करनी चाहिए।
अदालत ने तत्काल आधार पर ऑक्सीजन के बफर स्टॉक की आवश्यकता का अवलोकन किया। हमें कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयारी करने की आवश्यकता है। बच्चों के प्रभावित होने की खबरें हैं। हमें जल्द से जल्द ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाने की आवश्यकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'हम चरण तीन में प्रवेश कर सकते हैं और यदि हम आज तैयारी करते हैं, तो इसे संभालने में सक्षम हो सकते हैं। खरीदे गए स्टॉक को अस्पतालों में भेजना होगा।'
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