Bilkis Bano case : बिलकिस बानो केस की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, 11 लोगों की सजा में मिली छूट को दी गई चुनौती

Bilkis Bano case : बिलकिस बानो केस में सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, रेवती लाल, रूप रेखा वर्मा की ओर से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी अर्जी दायर की है। 

supreme court to hear Bilkis Bano case PIL challenges remission of 11 convicts
बिलकिस बानो केस की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई। 
मुख्य बातें
  • बिलकिस बानो केस में गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को रिहा किया है
  • राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर हुई है
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आने वाले दिनों में वह इस मामले की सुनवाई करेगा

Bilkis Bano case : बिलकिस बानो केस में दायर अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। बिलकिस बानो की तरफ से दायर अर्जी में 11 लोगों को सजा में छूट को चुनौती दी गई है। मंगलवार को वकील अपर्णा भट्ट ने कोर्ट से कहा कि शीर्ष न्यायालय ने राज्य सरकार को इस मामले में विचार करने का अधिकार दिया था। जबकि वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह सजा में मिली छूट को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कोर्ट से कहा कि एक गर्भवती महिला से रेप हुआ और उसके परिवार के 14 लोग मारे गए। इस दलील पर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि कोर्ट इस मामले को देखेगा। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, रेवती लाल, रूप रेखा वर्मा की ओर से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी अर्जी दायर की है। 

दोषियों को रिहा नहीं किया जा सकता-PIL
इस पीआईएल में कहा गया है कि दोषियों को रिहा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह मामले सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या से जुड़ा है। गुजरात में भाजपा सरकार ने सोमवार को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गर्भवती बिलकिस बानो के साथ दुष्कर्म और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए सभी 11 लोगों को अपनी छूट नीति के तहत रिहा कर दिया। भाजपा सरकार के इस फैसले की आलोचना हुई है। 

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बिलकिस ने सरकार के फैसले की आलोचना की
सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए बिलकिस ने कहा कि ‘इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला’ लेने से पहले किसी ने उनकी सुरक्षा के बारे में नहीं पूछा और नाही उनके भले के बारे में सोचा। उन्होंने गुजरात सरकार से इस बदलने और उन्हें ‘बिना डर के शांति से जीने’का अधिकार देने को कहा।
बिलकिस बानो की ओर से उनकी वकील शोभा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘दो दिन पहले 15 अगस्त, 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया।’

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