Kartikeya Singh : बिहार की नीतीश कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार हुआ और आज बुधवार को वह विवादों में आ गई। दरअसल, बिहार सरकार में कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है। बुधवार को कार्तिकेय जिस समय मंत्री पद की शपथ ले रहे थे उस समय उन्हें अपहरण के मामले में कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन बाहुबली नेता के रूप में पहचान रखने वाले कार्तिकेय कोर्ट के वारंट को अनदेखा करते हुए मंत्री पद की शपथ ली। अब कार्तिकेय पर भाजपा हमलावर हो गई है। राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कार्तिकेय सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की है।
राजद कोटे से मंत्री बने हैं कार्तिकेय सिंह
कार्तिकेय सिंह को राजद कोटे से मंत्री बनाया गया है। वह विधान परिषद के सदस्य हैं। चुनाव में उन्होंने जद-यू के उम्मीदवार को हराया था। कार्तिकेय को बाहुबली नेता अनंत सिंह का बेहद करीबी माना जाता है। समझा जाता है कि राजद के दबाव के आगे उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली है। कार्तिकेय सिंह 2014 के अपहरण के मामले में 'फरार' हैं। अपहरण के मामले में उन्हें भी आरोपी बनाया गया है। आठ साल पुराने इस केस में कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया है। इस केस में उन्हें 16 अगस्त यानि मंगलवार कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुए।
भाजपा को नीतीश को घेरने का मुद्दा मिला
गठबंधन तोड़ने पर जद-यू पर पहले से हमलावर भाजपा को कार्तिकेय सिंह के रूप में एक नया मुद्दा मिल गया है। जद-यू-राजद की सरकार बनने पर भाजपा ने यह कहना शुरू किया है कि राज्य में अब 'जंगलराज' की वापसी होगी। कार्तिकेय सिंह पर सुशील मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर दी है। कार्तिकेय सिंह को बाहुबली अनंत सिंह का दाहिना हाथ माना जाता है। इन्हीं जैसे लोगों की वजह से लालू राज बदनाम हुआ था। उन्होंने कहा, 'मैं कार्तिकेय सिंह को कैबिनेट से बाहर करने की मांग करता हूं।'
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'अपनी राजनीतिक महात्वाकांक्षा पूरी करना चाहते हैं नीतीश'
सुशील मोदी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार को लगने लगा था कि पीएम मोदी और अमित शाह के रहते हुए उनकी राजनीतिक महात्वाकांक्षा पूरी नहीं हो सकती है, इसलिए वह भाजपा से अलग हो गए। उन्हें लगा कि राजद के साथ जाकर वह अपनी राजनीतिक इच्छा पूरी कर सकते हैं।
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