नई दिल्ली : बजट 2021 में किसानों के हित सुरक्षित एवं उनकी आय दोगुनी करने के सरकार के दावे के बावजूत किसान संगठन अपने रुख में बदलाव करने को राजी नहीं हैं। किसान संगठनों का कहना है कि बातचीत के लिए सरकार की तरफ से उनके पास कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा कि किसानों बिना शर्त रिहाई के बाद ही वह अगले दौर की बातचीत के लिए आगे आएगा। बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला, आईटीओ सहित राजधानी के अलग-अलग इलाकों में हिंसा हुई। इस हिंसा में करीब 396 पुलिसकर्मी घायल हुए। हिंसा एवं उत्पात मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
बातचीत का औपचारिक प्रस्ताव नहीं
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक एक बयान में कहा है कि सरकार की ओर से बातचीत का कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है। किसान प्रदर्शनकारियों की बिना शर्त रिहाई के बाद ही वह सरकार के साथ बातचीत के लिए आगे आएगा। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिए गए 122 प्रदर्शनकारियों की सूची जारी की है। मोर्चा का कहना है कि वह छह फरवरी को सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक देश भर में चक्का जाम करेगा। संगठन ने दिल्ली की सीमाओं इंटरनेट सेवा बंद करने एवं किसान आंदोलन से जुड़े ट्विटर अकाउंट्स को बंद किए जाने की भी निंदा की है।
संसद में उठा किसान प्रदर्शन का मुद्दा
किसान प्रदर्शन का मुद्दा आज संसद भवन में भी गरमाया। विपक्ष राज्यसभा में किसानों का मुद्दा उठाना चाहता था लेकिन उच्च सदन के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसान प्रदर्शन पर बुधवार को चर्चा होगी। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया जिसके बाद सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। किसानों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। प्रियंका ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध।' कांग्रेस नेता ने इसके साथ एक वीडियो जारी किया है।
टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई गई
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के 65 दिन से ज्यादा दिन बीत गए हैं। किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की अपनी मांग पर अड़े हैं। किसानों संगठनों का कहना है कि कानूनों की वापसी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। 26 जनवरी की घटना के बाद गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर एवं टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। यहां प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए बैरिकेडिंग और सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों एवं स्थानीय लोगों के बीच टकराव देखने को मिला है जिसके बाद यहां भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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