Gyanavapi Masjid का मुद्दा गरमाया हुआ है। मस्जिद के पश्चिमी हिस्से में श्रृंगार गौरी की प्रतिमा होने के दावे की जांच के लिए कोर्ट ने मस्जिद की वीडियोग्राफी का आदेश दिया है। इसके लिए दो दिनों से कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के नेतृत्व में टीमें वीडियोग्राफी के लिए मस्जिद जाती हैं लेकिन उन्हें सर्वे के लिए वांछित सफलता नहीं मिलती है।
ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कोर्ट के द्वारा नियुक्त कमिश्नर को अंदर जाने पर मुस्लिम संगठनों को ऐतराज है। लेकिन वाराणसी के डॉक्टर कुलपति तिवारी जी वो शख्स है जो उस तहखाने में 1993 में अंदर जा चुके हैं। सुनिए उनकी जुबानी उस वक्त उन्होंने क्या देखा है , वो सारे सबूत सामने रख रहे है।
वाराणसी के बाबुल मिश्रा जी का कहना है मस्जिद की दीवारों पर माँ श्रृंगार गौरी की आकृतियां है साथ ही जिस तहखाने की बात कही जा रही है उसी में असली शिवलिंग है जिसके ऊपर मस्जिद है। तहखाने में शिवलिंग हैं इसलिए मुस्लिम समुदाय कोर्ट के लोगों को अंदर जाने से रोक रहे हैं ताकि सच सामने न आ जाए।
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