Exclusive: कन्हैयालाल की हत्या से जुड़े 10 बड़े खुलासे, हत्यारे रियाज, गौस का आतंकी बॉस कौन?

Dhakad Exclusive : कन्हैयालाल हत्याकांड में अब तक 10 खुलासे हुए हैं। खुलासे आरोपी रियाज और गौस के कट्टर व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा है। आतंक के टेरर मनी से जुड़ा ये नया खुलासा है और ये खुलासे जांच और सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ाने वाला है।

Ten Big revelations related to Kanhaiyalal murder case, who is the terrorist boss of Killer Riyaz, Ghaus?
कन्हैयालाल हत्याकांड में खुलासे 

Dhakad Exclusive : कन्हैयालाल के मर्डर से जुड़े अब तक 10 खुलासे हुए है। उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या को चार दिन दिन बीत चुके हैं और इन चार दिनों में अब तक कुल मिलाकर 10 बड़े खुलासे हो चुके हैं। हत्या के पहले रोज तो यही लग रहा था कि कन्हैया का मर्डर एक विवादित बयान का समर्थन करने के बाद आक्रोश में किया गया लेकिन असल में कन्हैया की हत्या सोची समझी साजिश थी, जिसके तार अब पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों से भी जुड़ रहे हैं और कट्टर इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाईक की हेट स्पीच से भी जुड़ रहे हैं तो सबसे पहले आपको कन्हैया की हत्या से जुड़े 10 बड़े खुलासे बताते हैं:-

1- जाकिर का 'टेरर लिट्रेचर'
2- जाकिर की 'टेरर स्पीच'
3- तालिबान वाले वीडियो
4- पाकिस्तान में बैठे आका
5- ISIS स्टाइल में मर्डर
6- आतंक के 3 व्हाट्सएप ग्रुप
7- एक मौलाना से कनेक्शन
8- चिटफंड वाली साजिश
9- दावत-ए-इस्लाम
10- 26/11 का कनेक्शन
 

कन्हैया की हत्या में अब तक के ये वो 10 खुलासे हैं, जिनके इर्द गिर्द जांच एजेंसियों की पड़ताल चल रही है और हमें इसमें विस्तार से जो बातें पता चली हैं, वो यकीनन चौंकाने वाली हैं। कन्हैयालाल की हत्या से जुड़ा अब कुछ और बड़ा खुलासा आपको बताते हैं। ये खुलासा असल में आरोपी रियाज और गौस के कट्टर व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा है। आतंक के टेरर मनी से जुड़ा ये नया खुलासा है और ये तरीका जांच और सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ाने वाला है। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड का ये सबसे चौंकाने वाला वीडियो है। इस सीसीटीवी में दिख रहा है कि शुरुआत के कुछ सेकेंड यहां सबकुछ सामान्य है। लेकिन, इसी बीच यहां से एक बाइक गुजरती है। इसी बाइक पर दोनों हत्यारे रियाज और गौस फरार होते दिखाई दे रहे हैं। ये वीडियो कन्हैयालाल की हत्या के तुरंत बाद का है। इस वीडियो के दूसरे हिस्से में हत्या के कुछ ही सेकेंड बाद मची अफरा तफरी साफ देखी जा सकती है। हत्या के बाद दुकानदार तेजी से सामान अंदर करने लगते हैं।

इसके बाद क्या हुआ था, ये आपने देखा। कैसे दोनों हत्यारों ने इसके बाद एक कमरे में सोफे पर बैठकर आराम से कबूलनामे का वीडियो बनाया था। ये कबूलनामा कहां और किस सोफे पर बैठकर रिकॉर्ड किया गया। TIMES NOW नवभारत संवाददाता भंवर पुष्पेंद्र ठीक उस जगह भी पहुंचे।

ये तस्वीरें सबसे बड़ा सबूत हैं लेकिन पर्दे के पीछे की साजिश इससे कहीं बड़ी है। आशंका है कि हवाला के बाद अब आतंक ने फंडिंग का नया रूट अपनाया है। ये रूट है चिटफंड का, छोटी छोटी रकम से आतंक के लिए पैसा जुटाने का आरोपी गौस चिटफंड से पैसे इकट्ठा कर रहा था। इस चिट फंड के जरिए पैसे जुटाने के लिए कमजोर तबके, खासतौर से महिलाओं को टारगेट किया जाता था। जांच एजेंसियों को शक है कि, आरोपी 20, 50 और 100 रुपये जैसी छोटी रकम जुटाकर दहशत का साम्राज्य फैलाने की कोशिश में थे। लोगों को पैसे जमा करने पर ज्यादा ब्याज का लालच भी दिया जाता था।

इस खुलासे ने जांच एजेंसियों को सकते में ला दिया है क्योंकि, अब तक हवाला के जरिए आतंकी फंडिंग के तो कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन चिट फंड के जरिए दहशतगर्दी की दुकान चलाने की साजिश का शायद अपने आप में ये पहला मामला है। और अगर ऐसा है तो बेहद ही चिंता की बात है। 

कन्हैया की हत्या के आरोपी रियाज और गौस का संबंध दावत-ए-इस्लाम से बताया जा रहा है। जांच एजेंसियों को पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी के स्लीपर सेल मॉड्यूल के  35 सदस्यों की तलाश है। बताया जा रहा है कि ये स्लीपर सेल उदयपुर में भी एक्टिव था। चिटफंड के जरिए पैसे जुटाने का ये तरीका भी दावत-ए-इस्लाम का ही है। दावत-ए-इस्लामी के कानपुर से भी लिंक हैं। शायद इसीलिए यूपी एटीएस की एक टीम आरोपियों से पूछताछ के लिए उदयपुर पहुंच चुकी है। वैसे, कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में जुटी एजेंसियों को आरोपियों से जुड़े दो नफरती व्हाट्सएप ग्रुप के बारे में भी पता चला है।

इस ग्रुप का नाम है लब्बेक और रसूल अल्लाह। जांच में पता चला है कि इन व्हॉट्सऐप ग्रुप पर नफरती मैसेज डाले जाते थे, ये सभी मैसेज उर्दू में लिखे होते थे, जांच में ये भी पता चला है कि हत्या वाले दिन वीडियो वायरल करने के लिए रियाज ने अपने ग्रुप में कई नंबरों को जोड़ा था...जांच एजेंसियां उन नंबरों को खंगाल रही है जो इस ग्रुप से जुड़े हुए थे।

कन्हैयालाल के दोनों कातिलों को इसी संगठन से जुड़ा हुआ ही क्यों माना जा रहा है, इसका सबूत दिखाते हैं। यहां एक तस्वीर इस्लामाबाद की है। जहां तहरीक ए लब्बैक ने मार्च निकाला था। दूसरा वीडियो आतंकियों के कबूलनामे का है, दोनों में एक ही नारा लग रहा है। लब्बैक या रसूल अल्लाह, ये आतंकी संगठन समय समय पर पाकिस्तान में बवाल काटता रहा है। ईशनिंदा कानून को और कड़ा बनाने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करता रहता है.. इसके हर प्रदर्शन.. हर तकरीर में एक ही नारा होता है... गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा।

उदयपुर में भी कन्हैयालाल को मारने के बाद दोनों आतंकियों ने यही नारा लगाया था। इसके अलावा दोनों आतंकियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी यही नारा लगाकर धमकी दी थी। कन्हैयालाल हत्याकांड में एक संगठन दावत-ए-इस्लामी का नाम बार-बार आ रहा है। कौन है ये संगठन..ये किस देश से ऑपरेट होता है ..हम आपको इससे जुड़ी जानकारी देंगे।

पाकिस्तान में कट्टरता की तालीम देता है। दुनियाभर में शरिया लागू कराना मकसद है। दुनिया के करीब 120 देशों में नेटवर्क है। वेबसाइट के जरिए 32 इस्लामिक कोर्स कराता है। धर्मांतरण और जिहादी बनने की ट्रेनिंग देता है। इसी संगठन ने आरोपी रियाज की शादी कराई। इसी संगठन ने रियाज, गौस का ब्रेनवॉश किया। दोनों आरोपी दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हुए थे। पाकिस्तान की तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के सम्पर्क में भी थे।
 

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