आयुष से विरोध नहीं लेकिन मिक्सोपैथी मंजूर नहीं, आखिर क्या है मामला

आयुर्वेद के डॉक्टरों तो सामान्य सर्जरी की इजाजत के मुद्दे पर डॉक्टरों के संगठन विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि आयुर्वेद से परहेज नहीं है। लेकिन आयुर्वेद के डाक्टरों को सर्जरी की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।

आयुष से विरोध नहीं लेकिन मिक्सोपैथी मंजूर नहीं, आखिर क्या है मामला
देश भर के डॉक्टर सरकार के प्रस्ताव का कर रहे हैं विरोध 
मुख्य बातें
  • आयुर्वेद के डॉक्टरों को भी सामान्य सर्जरी करने की मिल सकती है इजाजत
  • इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सरकार की मंशा का कर रहा है विरोध
  • '2 से 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद आयुर्वेद का डॉक्टर कैसे कर सकता है सर्जरी'

नई दिल्ली। भारत में चिकित्सा शास्त्र की कई पद्धतियां है, जिनमें मॉडर्न यानी एलोपैथ के साथ साथ होम्योपैथ, यूनानी और आयुर्वेदिक खास है। स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसे प्रस्ताव पर आगे बढ़ने का फैसला किया है जिसके बाद आयुर्वेद का डॉक्टर भी कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद सामान्य सर्जरी कर सकता है। लेकिन सरकार की इस मंशा का डॉक्टरों का संघ यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रहा है। 

आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेद को मिलाना गलत
एम्स आरडीए के उपाध्यक्ष डॉअमनदीप सिंह ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेद को मिलाना गलत है। मोतियाबिंद के लिए ऑपरेशन एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण के बाद किया जाता है। 2-6 महीने के प्रशिक्षण के बाद ऐसा करने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए। यह खतरनाक होगा और आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेद को प्रभावित करेगा।

डेंटल एसोसिएशन ने भी किया विरोध

आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति देने के केंद्र के कदम के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA), AIIMS ने आज अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए काले रिबन खेल दिए।आईडीए ने सेंटा के इस कदम के खिलाफ आईएमए की हड़ताल का समर्थन करते हुए आयुष डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति दी। डॉ। आशीष खरे का कहना है कि  आयुष डॉक्टरों को डेंटल सर्जरी करने की अनुमति दी जा रही है, जो एक विशेष उपचार है।

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