धाकड़ एक्सक्लूसिव में कश्मीरी हिंदुओं के कातिल आतंकी यासीन मलिक का कच्चा चिट्ठा खोला गया। वो कच्चा चिट्ठा, जिसे देखकर मालूम चला कि कैसे 1990 में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के मास्टरमाइंड आतंकी यासीन मलिक को सियासी सरपरस्ती मिलती रही। कैसे उसके सारे गुनाहों को दरकिनार करके वोटबैंक के लिए उसे VVIP ट्रीटमेंट दिया जाता रहा। कैसे उसके ऊपर दर्ज 23 गंभीर मामले होने के बावजूद उसे अमेरिका और पाकिस्तान जाने की छूट दी जाती रही और कैसे ये छूट पाकर वो अलगाववादी नेता का नकाब पहनते हुए विदेशों में भी भारत के खिलाफ षडयंत्र रचता रहा।
ये एक्सक्लूसिव दस्तावेज असल में यासीन मलिक के ऊपर दर्ज FIR की रियल पिक्चर दिखा रहा है। 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा से लेकर शहीद गंज थाना तक के क्षेत्र में किए गए यासीन मलिक के अत्याचारों की असल कहानी कह रहा है। यासीन पर 302, और 307 यानी हत्या और हत्या की कोशिश का मामला और इसके साथ ही मैसूमा थाने में आतंकी यासीन पर तब टाडा भी लगाया गया था। एमआरगंज थाने में भी इसी तरह से इन्हीं धाराओं में यासीन मलिक पर मामला दर्ज है। और ये सिलसिला इसके आगे भी कई थानों में जारी रहा।
थाने की फाइलों में यासीन एक खूंखार आतंकी है, कश्मीरी हिंदुओं के कत्लेआम और मारने-पीटने व धमकाने जैसे कई मामलों में मुख्य आरोपी है जहां उस पर TADA, FERA, 302, 307, 120B, 364, 368, 147, 148, 336, 188, 149, 406, 364 के तहत मामले दर्ज हैं। यासीन मलिक पर 23 गंभीर मामलों में ये सभी धाराएं उसी 90 के दशक की हैं, जब कश्मीरी हिंदुओं पर घाटी में बेहिसाब जुल्म हुए। कश्मीरी हिंदुओं को घाटी छोड़कर पलायन को मजबूर होना पड़ा। लेकिन इसके बाद क्या हुआ, क्या यासीन मलिक को उसके किए की सजा मिली तो इसका जवाब है नहीं। बल्कि इसके बाद तो यासीन मलिक लंबे वक्त तक जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक सत्ता के गलियारे में चहेता बना रहा।
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