टाइम्स नाउ नवभारत ने किसानों के साथ सबसे बड़े धोखे का खुलासा किया है। इस खुलासे में बताया गया कि कैसे 8000 किसानों की जमीन को धीरे-धीरे नेताओं ने हथिया लिया। इस पूरे मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा इसमें जालना के शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर का भी नाम है। किसी ने कहा कि एनसीपी के बड़े नेता अजित पवार ने उनका सब कुछ लूट लिया तो किसी ने कहा कि शिवसेना ने एनसीपी के साथ मिलकर उनकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया।
मुंबई से 400 किमी दूर महाराष्ट्र के जालना जिले की सहकारी शुगर फैक्ट्री जिसमें हुए महाघोटाले का सच जानने के लिए टाइम्स नाउ नवभारत के संवाददाता गौरव श्रीवास्तव 5 दिन पहले ही जालना पहुंच चुके थे। बाला साहब पवार 80 के दशक में जालना सीट से कांग्रेस सांसद थे। तब उन्होंने ही चार दशक पहले सहकारिता के जरिए जालना की रामनगर शुगर फैक्ट्री के निर्माण का प्लान बनाया था। इससे 7861 किसान जुड़े, उन्होंने कर्ज लिया और जेवर तक बेचे। 7 करोड़ 52 लाख रुपए जोड़े। किसानों ने 175 एकड़ जमीन दी, सरकार ने 100 एकड़ जमीन दी। सरकार ने 4 करोड़ 3 लाख रुपए का फंड दिया। 10 साल तक फैक्ट्री सफलता से चली। 1997-1998 में इसमें अजित पवार की एंट्री हुई, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स चेंज हुए। कब्जा करने की साजिश यहीं से रची गई, करीब 8 हजार किसानों का सब कुछ बर्बाद हो गया।
देश में आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा समाजसेवी अन्ना हजारे की मानें तो महाराष्ट्र में 49 शुगर फैक्ट्री बंद हैं। 25 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। एक फैक्ट्री से औसतन 6 हजार किसान जुड़े तो करीब 3 लाख किसान जालसाजी का शिकार हुए।
जालना की रामनगर शुगर फैक्ट्री से जुड़े हमारे पास जो दस्तावेज हैं, और हमें जो बयान मिले हैं। उसके मुताबिक जालना की रामनगर शुगर फैक्ट्री में भ्रष्टाचार का ये खेला 1997-98 से ही चालू हो चुका था। जो फैक्ट्री की नीलामी तक पहुंचा और फिर प्रॉक्सी कंपनी के जरिए फैक्ट्री को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में ही शामिल शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर ने खरीद लिया।
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