कश्मीर का विकास कुछ क्षेत्रीय दलों के लिए कश्मीरियों के साथ खिलवाड़ नजर आ रहा है ।नया जम्मू कश्मीर सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है।सवाल है अगर कश्मीरियों को मुख्यधारा में जोड़ कर विकास की राह पर लाया गया है तो उससे क्यों परेशानी है।सवाल ये भी है कि विकास की राह पर चले नए कश्मीर का विरोध करने वाले कैसे घाटी के लोगों का हित चाहते हैं। सवाल ये भी है कि महबूबा मुफ्ती बात बात पर पाकिस्तान का गुणगान क्यों करती है ।
क्षेत्रीय दलों की सियासत की दुकान हुई बंद
जम्मू कश्मीर में विकास हो रहा है महबूबा मुफ्ती को उसमें जुल्म और शितम नजर क्यों आता है। दरअसल जम्मू कश्मीर से 370 खत्म होने के साथ ही पीडीपी हो या फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ही पार्टियों की सियासी दुकान बंद हो गई। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर पलने वाले आतंकवादियों का खात्मा हो या फिर अलगाववादियों की फंडिंग बंद , पत्थरबाजों पर शिकंजा कस गया। बस इसी बात का मलाल महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे लोगों को है।यही वजह है कि ये दोनों सियासी दल बार बार जम्मू कश्मीर में फिर से 370 को वापस लेने की बात करते हैं और बात बात पर पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की जा रही है ।
370 हटना क्यों जरूरी था
370 हटने से क्या हुआ
370 हटने के बाद बड़े बदलाव
कश्मीर के क्षेत्रीय दल सियासत साधने में जुटे
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत वो लोग जो कश्मीर में अशांति फैलाकर अपनी सियासत साधना चाहते हैं लेकिन अब जम्मू कश्मीर सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है ...सवाल है अगर कश्मीरियों को मुख्यधारा में जोड़ कर विकास की राह पर लाया गया है तो उससे क्यों परेशानी है ...सवाल ये भी है कि विकास की राह पर चले नए कश्मीर का विरोध करने वाले कैसे घाटी के लोगों का हित चाहते हैं ..सवाल ये भी है कि महबूबा मुफ्ती बात बात पर पाकिस्तान का गुणगान और उससे बातचीत करने की बात क्यों करती है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।