टाइम्स नाउ नवभारत में उन लोगों को एक्सपोज किया गया है जो कोरोना वैक्सीन का फर्जी सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। हमारे रिपोर्टर सौमित ने हैदराबाद में स्टिंग किया है। कुछ लोगों की मदद भी ली, जिसमें पता चला कि बिना टीका लगाए कैसे पैसे के बल पर सर्टिफकेट बनाए जा रहे हैं। इसमें जालसाज एजेंट और कोरोना वैक्सीन सेंटर्स के लोग भी मिले हुए हैं। एक डोज, दोनों डोज और विदेश में रहने वाले भी आसानी से आधार, पैसा और मोबाइल नंबर देकर फर्जी सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। हम सवाल पूछ रहे हैं कि जब देश में आसानी से टीके मिल नहीं रहे हैं, लोग डर रहे हैं ऐसे में घोटालेबाज बाज नहीं आ रहे, सिस्टम को बाइपास कर ऐसे लोग आम लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। हमारा सवाल है कि इन लोगों पर कार्रवाई कब होगी?
वैक्सीनेशन का फर्जी सर्टिफकेट ऑन डिमांड बन जाता है। जैसे आप पसंद की वैक्सीन बता सकते हैं। हांलाकि स्टिंग के एक हिस्से में जालसाज कहता है कि ये काम करना रिस्की है पकड़ा गया तो तुमको भी लेकर जाएंगे। साइलेंट में काम करो नहीं तो फंस जाओगे।
घोटालेबाजों ने एक ऐसे शख्स का फर्जी सर्टिफिकेट बना दिया, जो मर चुका है। यानी जो इंसान दुनिया में है ही नहीं, उसको भी वैक्सीन लगा दी गई। इसके अलावा ऐसा नहीं है कि जो देश में हैं उनका ही वैक्सिनेशन का सर्टिफकेट बनेगा, बस आधार दीजिए, तो क्या ऑस्ट्रेलिया, क्या दुबई कहीं भी बैठे व्यक्ति का फर्जी वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट बन जाएगा।
TIMES NOW नवभारत के स्टिंग का असर हुआ है। केंद्र सरकार ने तेलंगाना से रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है।
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