नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देशभर से परेशान कर देने वाली खबरें और तस्वीरें सामने आ रही थीं। लेकिन उस समय और ज्यादा दिक्कत हुई या कहें कि लोगों का मन विचलित हुआ जब बिहार खासकर उत्तर प्रदेश में गंगा में लाशें तैरती मिलीं। कई जगह गंगा के किनारे शवों को दफनाया गया। इसे लेकर देश-विदेश हर जगह काफी आलोचना हुई। अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर-पॉलिटिक्स नविका कुमार के साथ 'फ्रैंकली स्पीकिंग' कार्यक्रम में खास बातचीत करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कोविड का जो प्रबंधन है, अगर यूपी एनसीआर का हिस्सा नहीं होता तो दिल्ली के लोगों को बेड नहीं मिलते। उत्तर प्रदेश था, यहां बीजेपी की सरकार थी, कोविड का बेहतर प्रबंधन था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह विफल हो गई। हाथ खड़े कर दिए थे। गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद यहां के अस्पतालों में 60 प्रतिशत लोग दिल्ली से थे, जिन्हें बेड उपलब्ध कराए गए। इन्हें दिल्ली में बेड नहीं मिले। हमने कोई भेदभाव नहीं किया।'
उन्होंने कहा, 'कोई भी लहर हो यूपी में कोविड का प्रबंधन बेहतर करने का प्रयास किया गया। जहां तक गंगा जी की बात है। जिन्होंने भारत को समझा नहीं, भारत की परंपरा नहीं जानते, वो भारत के बारे में वैसी ही आधी अधूरी बात करेंगे। ये वही लोग थे जो राम-कृष्ण को मिथक कहते थे। भारत के देवी-देवताओं का अपमान करते थे। हम भी इसको मानते हैं कि गंगा जी में किसी भी मृत शरीर को प्रवाहित नहीं करना चाहिए, लेकिन परंपराएं चली आ रही हैं। हिंदू समाज में ऐसी कई परंपराएं हैं, जिसमें ऐसी चीजें होती हैं। अग्नि संस्कार, भू समाधि और जल समाधि की परंपराएं हैं। ये पहली बार नहीं हुआ। हम 2017 में आए, आप 2012 और 2014 की तस्वीरें देखए। तब भी ये चित्र थे, उस समय तो कोरोना नहीं था। ये एक समय होता है, निश्चित समय होता है, जब अग्नि संस्कार नहीं होता है। कुछ समुदाय ऐसे हैं जो शवों को जल प्रवाह करते हैं। ये समुदाय या तो गंगा में बहाते हैं या दफनाते हैं। 3-4 में हमने लोगों को जागरुक किया है। लेकिन फिर भी ऐसा हुआ है।'
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।